भारतीय अरबपतियों की संपति 10 साल में करीब तीन गुनी हो गई। लेकिन हाल के वर्षों में चीन में उभरी आर्थिक चुनौतियों का असर वहां के रईस तबके पर पड़ा है। यूबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 से 2020 के बीच चीनी अरबपतियों की संपत्ति सालाना 20% से ज्यादा बढ़ी। लेकिन उसके बाद उनकी संपत्ति में हर साल करीब 5% की कमी आ रही है। दूसरी तरफ 2020-24 के बीच उत्तरी अमेरिका के अरबपतियों की संपत्ति 58.5% और पश्चिमी यूरोप के अरबपतियों की संपत्ति 29% बढ़ गई। दुनिया में टेक सेक्टर से सबसे ज्यादा बिलियनेयर्स निकल रहे हैं। बीते 10 साल में इनकी संपत्ति 67 हजार करोड़ रुपए से 3 गुना बढ़कर 203 लाख करोड़ रुपए हो गई। इंडस्ट्रियल बिलियनेयर्स दूसरे नंबर पर रहे। संपत्ति 45 हजार करोड़ रुपए से 110 लाख करोड़ रुपए हो गई है। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है कि दुनिया के किन बड़े बिजनेसमैन की संपत्ति में इजाफा हुआ है। अमेरिका में 5 वर्षों में अरबपतियों की संपत्ति 58.5% बढ़कर 516 लाख करोड़ रुपए हो गई। जबकि 2015 से 2020 के बीच 52.7% बढ़कर करीब 322 लाख करोड़ रुपए हुई थी। लेकिन 2020-2024 के बीच टेक्नोलॉजी सेक्टर के अरबपति सबसे ज्यादा रहे।
अमीरी बढ़ने की रफ्तार घटी यूरोप की स्थिति भारत, चीन और अमेरिका से अलग रही। 2015 से 2020 के बीच पश्चिमी यूरोप के अरबपतियों की संपत्ति 44% बढ़कर 178 लाख करोड़ हो गई थी। लेकिन 2020-2024 के बीच सिर्फ 29% बढ़कर 228.6 लाख करोड़ हो गई। इसमें टेक बिलियनेयर, मैसेजिंग से जुड़े उद्योगपति सबसे आगे रहे।
चीन: 5 वर्ष में अरबपतियों की संपत्ति 16% घटी, 152 लाख करोड़ रु. हुई 2015 से 2020 के बीच चीनी अरबपतियों की संपत्ति 137% बढ़कर 178 लाख करोड़ हो गई थी। तब से अब उनकी संपत्ति 16% घटकर 152 लाख करोड़ रह गई। इस बीच चीन में अरबपतियों की संख्या स्थिर रही। 2020 में 496 अरबपति थे। 2024 में भी 501 ही हैं।