बिटकॉइन मामले में ईडी की कार्रवाई पर छत्तीसगढ़ में सियासत गरमाई हुई है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा है कि मैं किसी गौरव मेहता को नहीं जानता. बीजेपी अगर मेरा नाम ले रही है तो किस प्रूफ के साथ ले रही है? आरोप लगाने वालों के ऊपर मानहानि का केस दर्ज करूंगा. इस मामले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए पूछा है कि गौरव मेहता और भूपेश बघेल के बीच क्या रिश्ता है ? उन्होंने कहा है कि गौरव मेहता के साथ किसका संबंध है, जांच में सब सामने आ जाएगा.
भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस में लंबे समय तक महत्वपूर्ण पदों पर रही एक नेत्री ने ‘एक्स पोस्ट’ कर यह पूछा है कि बिटकॉइन मामले में लिप्त जिस गौरव मेहता के यहां छत्तीसगढ़ में कारवाई हुई है, उसके पूर्व सीएम भूपेश बघेल से क्या संबंध थे? महादेव ऐप मामले में तो यह स्पष्ट ही हुआ है कि कांग्रेस सरकार में आर्थिक मामलों के तार इंटरनेशनल गिरोहों से जुड़े रहे हैं, ऐसे में बिटकॉइन घोटाले का यह खुलासा महत्वपूर्ण है। कांग्रेस और भूपेश बघेल को इसका जवाब देना चाहिए। श्रीवास्तव ने कहा कि इस मामले जो ऑडियो टेप सामने आया है, उसमें महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की बातचीत भी है। अगर इसमें महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष इन्वॉल्व हैं और अपराध करने वाला छत्तीसगढ़ में है, तो यह क्यों न माना जाए कि इसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस और इस प्रकार के कार्यों में महारत रखने वाले भूपेश बघेल इन्वॉल्व हैं? इससे पहले भी राज्य में कांग्रेस की भूपेश सरकार द्वारा अन्य चुनावी राज्यों में कांग्रेस को भ्रष्टाचार के रुपयों से फंडिंग करने के तथ्य सामने आ चुके हैं। भ्रष्टाचार के हर आरोपी के साथ छत्तीसगढ़ से भूपेश बघेल का इनवॉल्वमेंट पाया गया है, फिर वह सौम्या चौरसिया हो, समीर विश्नोई हो, एजाज ढेबर के भाई अवनर ढेबर हो या कोई और। भाजपा प्रदेश महामंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश साक्षी है कि कांग्रेस की भूपेश-सरकार किस तरह अनेक गंभीर आर्थिक आपराधिक मामलों में लिप्त रही है। भाजपा ने लगातार उन विषयों को उठाया और प्रदेश देख रहा है कि भूपेश-सरकार से जुड़े महत्वपूर्ण अधिकारियों, नेताओं को किसी भी अदालत से जमानत तक नहीं मिल पा रही है। ताज़ा मामला पीएससी के अध्यक्ष रहे टामन सोनवानी का है। 5 साल तक लगातार भाजपा उनके घोटाले के खिलाफ आवाज उठाती रही। यह अपनी तरह की एक अनोखी सरकार थी जो अपने ही राजस्व पर डाका डालती रही।