एक राजा, राहुल की टीम का एक पूर्व मेंबर, चुनाव हारे 3 नेता… BJP की राज्यसभा उम्मीदवारों की लिस्ट

राजनीति राष्ट्रीय

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए 14 उम्मीदवारों के नाम घोषित किये. इनमें बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री आर पी एन सिंह और पूर्व सांसद तेजवीर सिंह चौधरी उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट शामिल हैं. भाजपा की ओर से जारी इस सूची में तीन नाम ऐसे हैं जो पूर्व में विधानसभा चुनाव हार चुके हैं. इसके अलावा दो नाम ऐसे हैं जो ‘राजा’ के नाम से अपने क्षेत्र में मशहूर हैं.

अपनी सूची में बीजेपी ने जातीय समीकरणों का बखूबी से ध्यान रखा है. राज्यसभा चुनाव के लिए घोषित उम्मीदवारों में से बिहार से धर्मशीला गुप्ता (बनिया), भीम सिंह (कहार), झारखंड से राजा देवेंद्र प्रताप सिंह (गोंड आदिवासी),हरियाणा से सुभाष बराला (जाट), उत्तर प्रदेश से आरपीएन सिंह (सैंथवार), चौधरी तेजवीर सिंह (जाट), अमरपाल मौर्य (कोइरी) और डॉक्टर संगीता बलवंत (बिंद), डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी (ब्राह्मण), साधना सिंह (क्षत्रिय) नवीन जैन (जैन), उत्तराखंड से महेंद्र भट्ट (ब्राह्मण) तथा पश्चिम बंगाल से सामिक भट्टाचार्य (ब्राह्मण) का नाम शामिल है

बीजेपी द्वारा जिन 14 उम्मीदवारों को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया है उनमें से तीन को पिछले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. इनमें उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट (उत्तराखंड), संगीता बलवंत, अमरपाल मौर्या (उत्तर प्रदेश) का नाम शामिल हैं.

महेंद्र भट्ट की बात करें तो वह ब्राह्मण चेहरा हैं. पहली बार 2002 में नंदप्रयाग से विधायक चुने गए. इसके बाद 2017 में बदरीनाथ विधानसभा से जीत हासिल की. 2022 में उन्हें बदरीनाथ सीट से हार का सामना करना पड़ा जिसके बाद उन्हें बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी. भट्ट उत्‍तराखंड चारधाम देवस्‍थानम प्रबंधन बोर्ड प्राकलन समिति, आवास समिति, पलायन समिति, आश्‍वासन समिति जैसी विभिन्न समितियों के भी सदस्य रहे हैं.

डॉ. संगीता बलवंत: बिंद मल्लाह बिरादरी से ताल्लुक रखती हैं और गाजीपुर शहर से विधायक रह चुकी हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में संगीता बलवंबत को गाजीपुर सदर सीट से 1600 मतों से हार का सामना करना पड़ा था. गीता बलवंत योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की पिछली सरकार में सहकारिता राज्य मंत्री थीं. डॉ. संगीत कई किताबें भी लिख चुकी हैं. वह 2005 में बसपा की तरफ से जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं.

अमरपाल मौर्या: अमरपाल मौर्य बिरादरी से आते हैं और संगठन में प्रदेश महामंत्री पद पर तैनात हैं. इससे पहले वह स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. पिछड़े वर्ग से आने वाले अमरपाल मौर्य 2022 विधानसभा चुनाव में ऊंचाहार से समाजवादी पार्टी के मनोज पांडे से हार का सामना करना पड़ा था.

आरपीएन सिंह: कभी राहुल गांधी के करीबी नेताओं में शुमार रहे कुशीनगर से पूर्व सांसद और देश के पूर्व गृह राज्य मंत्री कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह यानी आरपीएन सिंह अब उच्च सदन में नजर आएंगे. आरपीएन सिंह साल 1996, 2002 और 2007 में उत्तर प्रदेश की पडरौना सीट से विधायक रहे. वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था.

कुशीनगर के सैंथवार शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले सिंह पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपनी बिरादरी के बड़े नेता माने जाते हैं. आरपीएन सिंह पडरौना राजघराने के राजा भी हैं.राहुल गांधी के करीबी रहे आरपीएन सिंह 2009 में कुशीनगर से सांसद बने और 2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री था 2012 से 14 तक गृह राज्य मंत्री रहे.

राजा देवेंद्र प्रताप सिंह: राज्यसभा चुनाव में सबसे बड़ा प्रमोशन राजा देवेंद्र प्रताप सिंह का हुआ है जो अभी तक जिला पंचायत सदस्य हैं और सीधे देश के उच्च सदन पहुंचेंगे. छत्तीसगढ़ से राज्यसभा उम्मीदवार बनाए गए देवेंद्र प्रताप लैलूंगा ( रायगढ़) के गोंड (आदिवासी) राजा हैं. उनके पिता कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं. देवेंद्र प्रताप सिंह ने दो दशक पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ले ली थी. साफ-सुथरी छवि के देवेंद्र प्रताप सिंह विधानसभा चुनाव में भी वह लैलूंगा से टिकट के दावेदार थे लेकिन टिकट नहीं मिला.

भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के महामंत्री अमरपाल मौर्य को भी संसद के उच्च सदन में भेजने का फैसला किया है. मौर्य लंबे समय से संगठन से जुड़े हैं और कोइरी समाज के प्रमुख नेता माने जाते हैं. क़रीब 45 वर्षीय अमरपाल मौर्य उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के करीबी माने जाते हैं. बीजेपी मौर्य समाज में एक नई लीडरशिप विकसित करना चाहती है और अमरपाल मौर्य को राज्यसभा भेजकर बीजेपी ने यही संदेश दिया है.