20 साल बाद सोया हुआ ब्लैक होल फिर से एक्टिव, खगोलशास्त्री भी दंग…

रात का आसमान कभी शांत माहौल वाली जगह माना जाता था, इक्का-दुक्का हवाई जहाज दिखने के अलावा वहां सुकून नजर आता था. लोग, तारे देखते-देखते रात काट लेते थे. हालांकि तकनीकि दक्षता बढ़ने के साथ बीते कुछ सालों में आसमान ब्रह्मांड की नई-नई खोजों के लिए एक गतिशील कैनवास बन गया है. ज़्विकी ट्रांजिएंट फैसिलिटी (ZTF) जैसी आधुनिक दूरबीनें अब रात के आसमान को बड़ी गहराई से देखकर स्कैन कर रही हैं और उनकी रियल टाइम तस्वीरें भी उतार रही हैं. अचानक उठने वाले प्रकाश और चमक के साथ घटने वाली घटनाओं को कैप्चर किया जा रहा है पहले आसमान में जब अचानक कोई रोशनी उठती थी या कोई खौगोलिय घटना होती थी उसे सही से देख पाना संभव नहीं होता है. कुछ ऐसा ही एक आश्चर्य घटनाक्रम 2019 के अंत में घटा. जब एक शांत आकाशगंगा, SDSS1335+0728, पृथ्वी से लगभग 300 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित कन्या नक्षत्र में अचानक चमक उठी. इसके बाद जो जानकारी और तस्वीरें मिलीं उसने खगोलविदों को 5 साल से अधिक समय तक मोहित कर रखा हैआसमान में भौगोलीय घटनाओं का चल रहा शो अभी खत्म नहीं हुआ है. ब्रह्मांड में क्या हो रहा है? इसे अब पहले की तुलना में ज्यादा बेहतर तरीके से देखा जा सकता है.
दिसंबर 2019 में, खगोलविदों ने देखा कि लंबे समय से शांत एक सर्पिल आकाशगंगा SDSS1335+0728 का केंद्र अचानक कई रोशनियों के साथ चमक उठा. करीब 300 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित, इस आकाशगंगा में बीते 20 सालों से अधिक समय तक कोई हलचल या गतिविधि का संकेत नहीं मिला था. अचानक वैज्ञानिकों को पता चलता है कि इस आकाशगंगा का केंद्र एक विशाल ब्लैक होल का घर है जो सूर्य के द्रव्यमान से लगभग 10 लाख गुना बड़ा है और उसमें हलचल दिख रही है. उससे भारी रोशनी और ऊर्जा का प्रवाह दिखता है. यानी दशकों से मृतपाय पड़ा ब्लैक होल फिर से जिंदा हो रहा है. खगोलविदों ने इसकी अलग-अलग तरीकों से जांच की तो उनका ध्यान उस थ्योरी की ओर गया जहां एक तारा ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण से अलग हो जाता है. जो ब्लैक होल के जागने का संकेत होता है.