‘मैं यह दबाव नहीं झेल पा रही हूं…’, वर्क प्रेशर में पश्चिम बंगाल में एक और BLO ने दी जान
पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की आत्महत्या का मामला सामने आया है. मृतक की पहचान रिंकू तरफदार के रूप में हुई है, जो कृष्णानगर के शास्तीतला इलाके की रहने वाली थी. वह चापरा थाना क्षेत्र के बंगालझी इलाके में बूथ नंबर 202 के बीएलओ के रूप में तैनात थी. परिवार के मुताबिक, रिंकू तरफदार ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने कथित तौर पर चुनाव आयोग और प्रशासनिक दबाव को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया है. परिजनों का दावा है कि रिंकू पेशे से पराशिक्षक (Para-Teacher) थी, इसके बावजूद उसे किसी तरह की रियायत नहीं दी गई और बीएलओ के भारी-भरकम काम का दबाव उस पर डाल दिया गया.
सुसाइड नोट में कथित रूप से लिखा है कि उसने अपना 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया था, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया को पूरा न कर पाने की वजह से वह भारी तनाव में थी. परिवार ने आरोप लगाया कि रिंकू ऑनलाइन काम में बहुत दक्ष नहीं थी. नोट में रिंकू ने लिखा, ‘मैं यह दबाव नहीं झेल पा रही हूं. मैं स्ट्रोक नहीं चाहती.’ परिजनों के अनुसार, वह रात 11 बजे तक सामान्य थी, लेकिन सुबह वह काम कर रही थी और संभवतः दबाव की वजह से टूट गई.
परिजनों ने कहा, ‘एक साधारण गृहणी और पराशिक्षक पर इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी डालना कहां तक सही है? उच्च अधिकारी क्यों समझ नहीं पाते कि कौन व्यक्ति कितना काम संभाल सकता है?’ परिवार ने पूरी घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है. स्थानीय पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
बीते कुछ दिनों में कई राज्यों से बीएलओ की मौत और आत्महत्या के मामले सामने आए हैं. पश्चिम बंगाल के अलावा गुजरात, तमिलनाडु, केरल में भी बीएलओ की मौत हुई है. नादिया जिले के हालिया मामले को भी जोड़ लें तो अब तक 9 बीएलओ काम के दबाव के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं.
