किस ब्लड ग्रुप वालों को ज्यादा काटते हैं मच्छर? रिसर्च में किया गया दावा…

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सर्दियों से गर्मियां आते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है. देश के कई हिस्सों में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और मच्छर जनित बीमारियों के मामले तेज़ी से बढ़ने लगते हैं ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों की त्वचा पर अधिक लैक्टिक एसिड बनता है, उन्हें मच्छरों द्वारा काटने की संभावना अधिक होती है. मच्छर लैक्टिक एसिड की ओर अधिक आकर्षित होते हैं. ऐसे में जिन लोगों की त्वचा पर अधिक लैक्टिक एसिड होता है, उन्हें मच्छरों के काटने की अधिक संभावना होती है ऐसा माना जाता है कि मच्छर काटने के लिए अपने लक्ष्य की पहचान करने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करते हैं. मच्छरों को कार्बन डाइऑक्साइड या CO2 की गंध भी पसंद होती है. मादा मच्छर लगभग 150 फीट दूर से इस गंध को सूंघ सकती है माना जाता है कि गहरे रंग के कपड़े पहनना भी मच्छरों के काटने का कारण हो सकता है. डार्क कलर के कपड़े मादा मच्छरों को अपनी ओर ज्यादा आकर्षित करते हैं. साल 2019 में हुई एक रिसर्च के मुताबिक ब्लड ग्रुप और मच्छर काटने के बीच संबंध गहरा है. कई अध्ययनों से यह साक्ष्य मिला है कि मच्छर अन्य ब्लड ग्रुप की तुलना में ‘O’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों की ओर अधिक आकर्षित होते हैं इसके अलावा जिन लोगों के शरीर का तापमान अधिक होता है, उन्हें मच्छरों द्वारा काटने की अधिक संभावना होती है. मच्छरों को शराब पीने वाले लोगों के पसीने से निकलने वाले रसायन बहुत पसंद होते हैं. ऐसे में जिन्हें पसीना ज्यादा आता है, उन्हें भी मच्छर ज्यादा शिकार बनाते हैं.