छत्तीसगढ़ में पहली से तीसरी और 6वीं की किताबें बदलेगी, शिक्षा सत्र 2025- 26 से होंगे बदलाव

क्षेत्रीय

छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारियां चल रही है। आगामी शिक्षा सत्र 2025- 26 में कक्षा पहली से लेकर तीसरी और 6वीं की पुस्तकें बदली जाएंगी। जल्द ही इन किताबों को लिखने का काम शुरू किया जाएगा। किताबों में बदलाव के लिए प्रदेश के शिक्षक एनसीईआरटी एक्सपर्ट्स से ट्रेनिंग ले रहे हैं। नई किताबों के जरिए फाउंडेशनल स्टेज के छात्रों को उनकी स्थानीय भाषा में पढ़ाए जाने पर फोकस होगा। स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी के मुताबिक राज्य में अभी 20 भाषाओं पर काम चल रहा है। स्थानीयता को ध्यान में रखते हुए किताबों को क्रिएटिव और अट्रैक्टिव बनाया जाएगा। प्रदेश में तैयार हो रही किताबें कैसी होनी चाहिए इसे लेकर दो दिवसीय उन्मुखीकरण (ओरिएंटेशन) कार्यक्रम चल रहा है, स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी की ओर से नई बुक्स में ज्ञान के साथ-साथ प्रैक्टिकल अप्रोच का समावेश करने के निर्देश दिए हैं। कक्षा 1 से 3 और 6 की सभी 23 किताबों को बनाने का काम जनवरी 2025 तक करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि आने शिक्षा सत्र 2025- 26 से सरकार के अनुमोदन के बाद इसे लागू किया जा सके। इसलिए किताबों को बनाने का काम जनवरी तक पूरा करने को कहा गया है। इसके बाद बाकी क्लासेस के लिए भी किताबें बदली जाएंगी, उन्हें भी एनसीईआरटी के तर्ज पर तैयार किया जाएगा। वहीं कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए एनसीईआरटी की किताबों को लागू किया जाएगा। ताकि प्रदेश में पढ़ रहे बच्चे अच्छे स्तर की शिक्षा पा सके। नई किताबों में किन-किन चीजों को रखना है, किस सब्जेक्ट की क्या बारीकियां हैं, छोटे बच्चों को आसान पाठ्यक्रम से बेहतर शिक्षा देने के लिए एनसीईआरटी एक्सपर्ट्स छत्तीसगढ़ के शिक्षकों को टिप्स देंगे। पाठ्य पुस्तकों में विद्यार्थियों की आवश्यकताओं, रुचियों और अनुभवों को प्राथमिकता दी जाएगी।