ब्रेकिंग : आरपी सिंह-धर्मेंद्र यादव को ED ने छोड़ा, भीतर पूछताछ होती रही, बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता करते रहे नारेबाजी

क्षेत्रीय

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के घर पर चल रही ED की छापेमारी खत्म हो गई है। सभी के ठिकानों से जांच दल वापस लौट आए हैं। पूछताछ के लिए रात में कार्यालय ले जाए गए कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह और विधायक देवेंद्र यादव के भाई धर्मेंद्र यादव को भी ED ने छोड़ दिया है। जब तक दोनों से जांच एजेंसी पूछताछ करती रही, कांग्रेस कार्यकर्ता बाहर नारेबाजी करते रहे। उनके छूटने के बाद ही मोर्चा हटा।

दिन भर चली पूछताछ और तलाशी अभियान के बाद ED के अधिकारी कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह को कार्यालय ले गए थे। इस बीच घर के बाहर ED की कार्रवाई का विरोध करने जमे विधायक विकास उपाध्याय ने भीड़ के साथ अधिकारियों को घेर लिया था। उन्होंने कहा, इतनी पूछताछ के बाद बिना किसी तथ्य के अधिकारी आरपी सिंह को नहीं ले जा सकते। अधिकारियों के काफी समझाने-बुझाने के बाद विकास आरपी सिंह को ले जाने देने को तैयार हुए लेकिन वे भी समर्थकों के साथ ED के दफ्तर गये।

पुजारी पार्क स्थित ED दफ्तर के ठीक बाहर विकास उपाध्याय और उनके समर्थकों ने मोर्चा लगा दिया। वहां रातभर नारेबाजी होती रही। इस बीच ED की टीम भिलाई से विधायक देवेंद्र यादव के भाई धर्मेंद्र यादव को लेकर पहुंची। बताया जा रहा है, सुबह तीन बजे के बाद दोनों को छोड़ दिया गया। उनसे कहा गया है कि एजेंसी पूछताछ के लिए उन्हें कभी भी बुला सकती है। उसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ED दफ्तर के बाहर से मोर्चा हटाया। सुबह तक दोनों घर पहुंच गए थे। अभी तक इस पूरी कार्रवाई पर ED की ओर से अधिकृत तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है।

देवेंद्र यादव के भाई धर्मेंद्र ने ED दफ्तर जाते हुए कहा मरना पसंद है, लेकिन झुकना पसंद नहीं। हम बीजेपी से लड़ लेंगे। उन्होंने मीडिया से कहा, ED उन्हें अपने साथ रायपुर लेकर जा रही है। इधर रात के ढाई बजे देवेंद्र यादव के बंगले से ED अफसरों के जाते ही बाहर प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने देवेंद्र को कंधों पर उठा लिया।

कांग्रेस ने मंगलवार को फिर से ED का दफ्तर घेरने की तैयारी की है। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पुजारी पार्क के पास जुटने लगे हैं। सोमवार शाम को भी युवा कांग्रेस और NSUI के कार्यकर्ताओं ने ED दफ्तर का घेराव किया था। इस दौरान लाठी चार्ज में कुछ लोग घायल भी हुए। कांग्रेस का आरोप है कि ED की ये कार्रवाई राजनीतिक है। भाजपा के इशारे पर केंद्रीय एजेंसियां कांग्रेस का महाधिवेशन असफल करने के लिए ऐसा कर रही हैं।