भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को कोर्ट में पेश होना पड़ेगा. महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया है और सिंह को समन जारी किया है. बृजभूषण पर 6 महिला पहलवानों ने उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. बृजभूषण को अब 18 जुलाई को अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है l
राउज एवेन्यू कोर्ट ने WFI के सहायक सचिव विनोद तोमर को भी समन जारी किया है. बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पुलिस ने जो धाराएं लगाई हैं, वे गंभीर अपराध की श्रेणी में आती हैं. इनमें IPC की धारा 354 में अधिकतम 5 साल की सजा का प्रावधान है और ये एक गैर जमानती धारा है.IPC की धारा 354A के तहत अधिकतम एक साल की सजा का प्रावधान है और ये एक जमानती धारा है. IPC की धारा 354D में 5 साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है जबकि ये धारा जमानती धारा है l
बृजभूषण शरण सिंह को WFI चीफ पद से हटाने के लिए सबसे पहले जनवरी में दिल्ली में मंतर-मंतर पर पहलवानों ने धरना दिया था. तब जांच कमेटी का आश्वासन मिलने से पहलवान वापस लौट गए थे. फिर अचानक तीन महीने बाद अप्रैल में पहलवानों का दिल्ली में जमावड़ा लगा और बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के मामले में FIR की मांग की गई. सुप्रीम कोर्ट के दखल पर रिपोर्ट दर्ज हुई. लेकिन, गिरफ्तारी ना होने को मुद्दा बनाकर घेराबंदी तेज कर दी गई. इस बीच, जून के दूसरे हफ्ते में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी और बृजभूषण को नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोपों पर क्लीन चिट दे दी. हाल ही में पहलवान साक्षी मलिक ने दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के बाद बयान दिया था l