ब्रिटेन की गृह मंत्री और भारतीय मूल की नेता सुएला ब्रेवरमैन ने एक इंटरव्यू में कहा कि ब्रिटिश सम्राज्य को लेकर उन्हें गर्व है. उन्होंने कहा कि यह ब्रिटिश सम्राज्य ही था जिसने केन्या और मॉरीशस जैसे औपनिवेशिक देशों में बुनियादी ढांचा, कानूनी व्यवस्था, सिविल सेवा और सेना बनाई. गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने यह बातें टेलीग्राफ न्यूजपेपर के साथ एक इंटरव्यू के दौरान कही हैं. वह देश में प्रवासियों की बढ़ती संख्या को रोकने के उपाय को लेकर साक्षात्कार दे रहीं थी.
मेरे माता-पिता वैध तरीके से ब्रिटेन आए थे
इंटरव्यूवर द्वारा जब यह पूछा गया कि आप खुद एक प्रवासी हैं. आपके माता-पिता मॉरीशस और केन्या से हैं तो फिर आप यहां आने वाले अन्य लोगों को रोकने के बारे में किस तरह से सोचती हैं? सुएला ब्रेवरमैन ने जवाब देते हुए कहा कि यह एक फिजूल का तर्क है जिसे वामपंथियों द्वारा फैलाया गया है. मेरे माता-पिता सुरक्षित और वैध रूप से सरकार की नीति के तहत ब्रिटेन आए थे. मेरी मां को नेशनल हेल्थ सर्विस के तहत भर्ती किया गया था. वहीं, मेरे पिता को 1960 के दशक में केन्या द्वारा बाहर निकाल दिया गया था.
ब्रिटिश सम्राज्य पर मुझे गर्व है
सुएला ब्रेवरमैन ने कहा, “इतिहास बहुत ही जटिल और सूक्ष्म होती हैं. मेरे माता-पिता सुरक्षित और वैध रूप से सरकार के नीति के तहत ब्रिटेन आए थे. मेरे माता-पिता दूर से भी इस देश से ‘साम्राज्य के बच्चों’ के रूप में प्यार करते थे. वैसे हमें भी ब्रिटिश साम्राज्य के गुणों की प्रशंसा करने में कोई दिक्कत नहीं है.”. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सम्राज्य में कई बुराइयां भी रही हैं लेकिन उसको लेकर उन्हें कोई खेद नहीं है. इंटरव्यूवर द्वारा यह पूछने पर कि क्या हमें ब्रिटिश साम्राज्य पर गर्व करना चाहिए? जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे ब्रिटिश साम्राज्य पर गर्व है.
लोगों ने पूछे तीखे सवाल
इस इंटरव्यू के बाद कई लोगों ने तीखे सवाल पूछे हैं. एक ट्वीटर यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कंजर्वेटिव होने के लिए बेशर्म होना जरूरी है, जो खुद को ‘साम्राज्य के बच्चों’ कह सके. वहीं निशिथा गौतम ( @TedhiLakeer) नाम के अन्य यूजर ने लिखा है कि क्या उपनिवेशवाद भारत और केन्या जैसे देशों के लिए बेहतर रहा है? जो खुद को ‘ब्रिटिश साम्राज्य की संतान’ कहता हो उसे ‘द इडियट ऑफ द सेंचुरी’ का पुरस्कार देना चाहिए. कई अन्य यूजर ने लिखा कि ब्रिटिश राजनीति अब यहां तक पहुंच गई है.
भारत से ट्रेड डील का भी किया विरोध
सुएला ब्रेवरमैन ने भारत के साथ ब्रिटेन के मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का भी विरोध किया है. उनका कहना है कि ब्रिटेन में अपने वीजा से अधिक समय बिताने वाले लोगों में भारतीय सबसे ज्यादा हैं. इससे ब्रिटेन में भारतीयों की भीड़ बढ़ सकती है. जबकि ब्रिटेन की पीएम लीज ट्रस सरकार भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को अपनी तय समय-सीमा तक खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है.
क्या है मुक्त व्यापार समझौता (FTA)
भारत सरकार लंबे समय से मांग कर रही है कि भारत के कामगारों और छात्रों के लिए वीजा की संख्या बढ़ाई जाए. अगर मुक्त व्यापार समझौता (FTA) होता है तो इससे ब्रिटेन में भारतीयों की एंट्री आसान हो जाएगी.
सुएला ब्रेवरमैन का कैसे है भारत से संबंध
सुएला ब्रेवरमैन का जन्म 03 अप्रैल 1980 में ग्रेटर लंदन में हुआ था. उनके माता-पिता क्रिस्टी और उमा फर्नांडीज भारतीय मूल के हैं. उनकी मां मॉरीशस से ब्रिटेन जाकर बस गई थीं. जबकि उनके पिता 1960 के दशक में केन्या से ब्रिटेन गए थे. ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस की सरकार में भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन को गृह मंत्री नियुक्त किया गया है.