बजट सत्र का आज आखिरी दिन : 17वीं लोकसभा के कामों से खत्म हुआ पीढ़ियों का इंतजार, संसद में बोले पीएम मोदी

राष्ट्रीय

संसद के बजट सत्र का आज आखिरी दिन है. आज संसद में राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया है. इस पर सभी नेताओं ने भाषण दिया. वहीं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में भाषण दे रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म बहुत कम होता है. हमने बहुत कम देखा है कि रिफॉर्म भी हो, परफॉर्म भी हो और हम ट्रांसफॉर्म होते हुए अपने आगे देख पाते हो. 17वीं लोकसभा से आज देश ये अनुभव कर रहा है. मुझे विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा को जरूर आशीर्वाद देता रहेगा.

सदन के नेता और एक सहयोगी के रूप में आप सभी को धन्यवाद. अध्यक्ष महोदय, मैं आपको धन्यवाद देता हूं. कभी-कभी सुमित्रा जी मजाक करती थीं, लेकिन आपका चेहरा हमेशा मुस्कान से भरा रहता है. आपने हर स्थिति को धैर्य और स्वतंत्रता के साथ निपटाया है. इन पांच वर्षों में मानवता इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती से निपटी. ऐसी स्थिति थी. सदन में आना एक चुनौती थी. अध्यक्ष महोदय, आपने सुनिश्चित किया कि सभी उपाय किए जाएं और देश का काम कभी न रुके.

मैं संकट के उस समय में अपना भत्ता छोड़ने के लिए सभी सांसदों की सराहना करता हूं. किसी ने इस पर दोबारा विचार नहीं किया. कोरोना काल के दौरान देश के लोगों को संदेश देते हुए सांसदों ने अपने वेतन में 30% की कटौती करने का फैसला किया. मीडिया आम तौर पर अपने लाभों के लिए सांसदों की आलोचना करता है. आपने तय किया कि एमपी कैंटीन में हर कोई बाहर के बराबर ही भुगतान करेगा. आपने हमारा मजाक उड़ाने वालों को रोक दिया.

हम सभी सांसद बिना कारण साल में दो बार हिंदुस्तान के मीडिया के किसी न किसी कौने में गाली खाते रहते थे कि इन सांसदों को इतना मिलता है और कैंटीन में इतने में खाते हैं. आपने निर्णय किया, सबके लिए समान रेट होंगे कैंटीन में और सांसदों ने कभी भी विरोध नहीं किया, शिकायत नहीं की और लोगों की फजीयत से हमें बचा लिया गया.

संसद का नया भवन होना चाहिए, इसकी चर्चा सबने की, सामूहिक रूप से की, लेकिन निर्णय नहीं होता था. ये आपका नेतृत्व है जिसने निर्णय किया और इसी का परिणाम है कि आज देश को ये नया संसद भवन प्राप्त हुआ है. एक संसद के नए भवन में एक विरासत का अंश और जो आजादी की पहला पल था, उसको जीवंत रखने का हमेशा-हमेशा हमारे मार्गदर्शक रूप में सेंगोल को यहां स्थापित करने का काम किया गया.

इस काल खंड में जी20 की अध्यक्षता भारत को मिली. भारत को बहुत सम्मान मिला. देश के हर राज्य ने अपने-अपने तरीके से विश्व के सामने भारत का सामर्थ्य और अपने राज्य की पहचान बहुत खूबी प्रस्तुत की, जिसका प्रभाव आज भी विश्व के मंच पर है.

डिजिटलाइजेशन पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आधुनिक तकनीक के अब सब आदि हो गए हैं. ये स्थाई व्यवस्था बनाई गई है. संयुक्त प्रयास के कारण ही 17वीं लोकसभा की प्रोडक्टिविटी करीब-करीब 97 प्रतिशत रही है. ये प्रशन्नता का विषय है. लेकिन मुझे विश्वास है कि आज जब 17वीं लोकसभा की समाप्ति की तरफ हम बढ़ रहे हैं तब एक संकल्प लेकर 18वीं लोकसभा की शुरुआत होगी कि हम हमेशा शत प्रतिशत से ज्यादा प्रोडक्टिविटी वाली हमारी कैपिसिटी होगी.

नए-नए बेंचमार्क 17वीं लोकसभा ने बनाए हैं. आजादी के 75 वर्ष पूरा होने के उत्सव पर सदन ने अत्यंत महत्वपूर्ण कामों का नेतृत्व किया. आजादी के 75 वर्ष को देश ने जी भरकर उत्सव की तरह मनाया है. इसमें हमारे माननीय सांसदों और इस सदन की बहुत बड़ी भूमिका रही है.