CAA: यूपी में संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले 86 लोग दोषी, हर एक से वसूले जाएंगे ₹4971

राष्ट्रीय

उत्तर प्रदेश में अमरोहा के 86 लोगों को सीएए प्रदर्शन में दोषी पाया गया है. उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली, दावा न्यायाधिकरण मेरठ ने इन सभी को दोषी करार दिया है. अदालत ने इन लोगों से कुल 427439 रुपए वसूलने का आदेश दिया है. यानी प्रत्येक व्यक्ति से 4971 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा. बता दें कि 20 दिसंबर 2019 को सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन में लोगों ने सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया था. मामले में 21 दिसंबर 2019 को एफआईआर दर्ज हुई थी.

गौरतलब है कि CAA कानून के खिलाफ हुए प्रोटेस्ट और तोड़फोड़ पर कुछ समय पहले यूपी सरकार का सख्त एक्शन काफी चर्चा में रहा था, लेकिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर आदेश जारी किए. कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से रिकवर किए गए पैसे को वापस लौटाने को यूपी सरकार से कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोपी की संपत्ति को कुर्क करने के लिए कार्रवाई करने में खुद एक “शिकायतकर्ता, निर्णायक और अभियोजक” की तरह काम किया है.

बता दें कि 2019 में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के मकसद से मोदी सरकार नागरिकता कानून में संशोधन लेकर आई. इसके तहत इन तीन देशों के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान था. दिसंबर 2019 में ये कानून संसद के दोनों सदनों से पास हो गया.

कानून में प्रावधान था कि अगर इन तीन देशों से इन 6 धर्मों के लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर बस गए थे, तो वो भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं.

इस कानून का देशभर में जमकर विरोध हुआ. देश के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए. दिल्ली के शाहीन बाग में महीनों तक लोग सड़कों पर बैठे रहे. कोरोना महामारी आने के बाद मार्च 2020 में शाहीन बाग में डटे लोगों को हटाया गया. जनवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून के अमल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. हालांकि, ये कानून अभी लागू नहीं हुआ है, क्योंकि इसके नियम नहीं बने हैं.