खड़गे ने मुर्मू को ‘मुरमा’ कह दिया, मल्लिकार्जुन ने शाह के CG दौरे पर कहा- यहां उनका ससुराल है क्या

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान रायपुर में एक सभा को संबोधित किया जहां उन्होंने अपने भाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का नाम लिया, लेकिन उन्होंने मुर्मू की जगह मुरमा कह दिया। उन्होंने कहा कि मुरमा और कोविंद को भाजपा राष्ट्रपति पद तक पहुंचाने के दावे करती है। उन्हें राष्ट्रपति बनाया मगर इसलिए बनाया गया ताकि हमारे संसाधनों को छीना जा सके। इस बयान को भाजपा ने दलित विरोधी बताया है। अपने संबोधन के दौरान खड़गे ने यह भी कहा था कि अमित शाह बार-बार छत्तीसगढ़ आते हैं। वह बार-बार क्यों आते हैं क्या यहां उनका घर है क्या उनका यहां ससुराल है ? इन दोनों बातों पर BJP ने कड़ा एतराज जताया है। मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार करते हुए कहा कि खड़गे बताएं कि जब घर न ससुराल तो राहुल बार-बार विदेश क्यों जाते हैं?

खड़गे के बयान पर BJP अध्यक्ष किरण देव ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करना, कांग्रेस के डीएनए में जमी घोर-आदिवासी विरोधी मानसिकता को उजागर करता है। क्या खड़गे अपनी टिप्पणी के लिए क्षमा मांगेंगे? क्या राहुल गांधी और कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता इस बयान की निंदा करेंगे? क्या स्वयं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी से निकाला जाएगा? कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का देश की महामहिम को राष्ट्रपत्नी कहना, अजय कुमार का माननीय राष्ट्रपति मुर्मू को ‘ईविल माइंडसेट’ बताना और कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे की अभद्र टिप्पणी से यह स्पष्ट हो गया है कि यह कांग्रेस की सोची-समझी मानसिकता है।

किरण देव ने कहा आज पूरा देश, हर नागरिक, आदिवासी समाज, दलित समाज और महिलाएं इस बयान की निंदा कर रहे हैं। खड़गे ने माननीय राष्ट्रपति के नाम को अशोभनीय तरीके से बोलते हुए कहा कि “मुरमा जी को हमने राष्ट्रपति बनाया।” उन्होंने ‘आदरणीय’ या ‘माननीय’ नहीं कहा, न ही ‘द्रौपदी मुर्मू’ जी कहा।

इसी तरह पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम को अशोभनीय तरीके से संबोधित किया और कहा कि “हमने राष्ट्रपति बनाया, क्यों बनाया? हमारे लिए बनाया? हमारी संपत्ति छीनने के लिए बनाया? हमारे जंगल छीनने के लिए बनाया?” देव ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे राष्ट्रपति को ‘भूमाफिया’ तक कह देते हैं। कहते हैं कि क्या उन्हें हमारी संपत्ति और जंगल छीनने के लिए बनाई गई हैं?

 

 

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