राजनांदगाव से केवल 23 प्रत्याशियों ने भरा नामांकन, भूपेश की 384 प्रत्याशियों के उतारने की बात निकली हवाहवाई

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लोकसभा के चुनावी में छत्तीसगढ़ की सबसे हॉट सीट राजनांदगांव से केवल 23 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है। ऐसे में सवाल उठाने लगा है कि क्या प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राजनांदगांव में 384 प्रत्याशियों के मैदान में उतारने वाली बात क्या महज जुमला थी? सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि भूपेश बघेल का ये बयान खूब चर्चा में रहा। पार्टी के छोटे से लेकर बड़े नेताओं-कार्यकर्ताओं ने भी इसका समर्थन किया था। बुधवार को ही कांग्रेस के लगभग 210 कार्यकर्ताओं ने नामांकन फॉर्म तो खरीदा, लेकिन इसे दाखिल करने की अंतिम तारीख यानी 4 मार्च को जब फाइनल आंकड़े आए, तो पता चला कि इस सीट के लिए केवल 23 प्रत्याशियों ने ही नामांकन दाखिल किया है। राजनांदगांव से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए भूपेश बघेल मंगलवार को दुर्ग लोकसभा के पाटन में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे थे। उन्होंने वहां कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव के नियम बताए। यह भी कहा कि अगर एक सीट से 384 से अधिक प्रत्याशी हुए, तो वहां बैलेट पेपर से चुनाव होगा, ऐसे में कांग्रेस की जीत निश्चित है।

उन्होंने कहा कि वे इस बार लोकसभा चुनाव EVM से नहीं होने देना चाहते हैं। बैलेट पेपर से चुनाव हुआ, तो भाजपा की असलियत सामने आ जाएगी। हमसे कहा जाता है कि जब हार जाते हैं, तो EVM पर सवाल उठाते हैं। सच्चाई ये है कि कांग्रेस का शुरू से ही स्टैंड रहा है कि बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए, क्योंकि EVM को हैक किया जा सकता है। भूपेश बघेल ने कहा कि सम्मेलन के दौरान कार्यकर्ताओं ने ही मांग रखी थी कि EVM से इलेक्शन बंद होना चाहिए। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की लीड 20 हजार नहीं, बल्कि 55 से 60 हजार की थी, लेकिन ये EVM की वजह से कम हुई। ब्लॉक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने 384 से ज्यादा प्रत्याशी चुनाव में उतारने का प्रस्ताव भी पास किया था।