मणिपुर में हिंसा के दौरान महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अपने हाथ में ले ली है. सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस बीच इंफाल में मैतेई समुदाय की महिलाओं ने शक्ति प्रदर्शन किया है l
आज हजारों की संख्या में मैतेई महिलाएं इंफाल सड़कों पर निकलीं और शांति मार्च निकाला. इस दौरान महिलाओं ने शांति की अपील की. उन्होंने कहा कि कुकी समुदाय के लिए प्रशासन अलग से कोई नियम ना बनाए मणिपुर की अखंडता को कायम रखा जाए. उन्होंने NRC लागू करने के साथ-साथ विद्रोहियों के खिलाफ ऑपरेशन ना बंद करने की भी मांग की l
महिलाओं के हैवानियत की ये घटना 4 मई को हुई थी. हालांकि, वीडियो पिछले हफ्ते सामने आया था. घटना के बाद मणिपुर की पहाड़ी इलाके में तनाव बढ़ गया था. राज्य में 3 मई को पहली बार जातीय हिंसा भड़की थी. मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग का विरोध किया जा रहा है l
सीबीआई ने महिलाओं के साथ सेक्सुअल असॉल्ट और हिंसा के मामले में गृह मंत्रालय के निर्देश पर एफआईआर दर्ज की है. दरअसल, इस मामले में मणिपुर पुलिस ने जो केस दर्ज किया था, सीबीआई ने उसे रिरजिस्टर्ड किया है. राज्य की तरफ से सीबीआई को बताया गया है कि इस मामले में अब तक 7 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जिस मोबाइल से वीडियो शूट किया गया था, उसे भी बरामद कर लिया गया है. जितने भी आरोपी पकड़े गए हैं, अब सीबीआई उनकी कस्टडी लेकर उनसे पूछताछ करेगी. जांच एजेंसी पीड़ित लड़कियों के बयान भी दर्ज करेगी और क्राइम सीन का भी जायजा लेगी l