पीएससी घोटाले की CBI जांच जारी, 18 चयनित उम्मीदवारों से होगी पूछताछ…

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CBI ने कथित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाले (पीएससी) की जांच शुरू कर दी है। तत्कालीन अध्यक्ष, अधिकारियों और राजनेताओं के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को 2020-22 के दौरान जिला कलेक्टरेट और डिप्टी एसपी के रूप में नियुक्त किया गया था। वहीं सीजी पीएससी के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष टामन सिंह सोनवानी और तत्‍कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव के ठिकानों पर मारे गए हैं। सीबीआई सूत्रों के अनुसार अध्‍यक्ष और सचिव के साथ ही परीक्षा नियंत्रण के आवासीय परिसरों की तलाशी ली जा रही है। एजेंसी ने तत्कालीन सीजीपीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जेके ध्रुव और अन्य के खिलाफ कथित भाई-भतीजावाद और अपने अयोग्य बेटों, बेटी, रिश्तेदारों और परिचितों को जिला कलेक्टरों, डिप्टी एसपी के बड़े पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में डालने के आरोप में FIR दर्ज की है। तलाशी में उनके घर से बरामद दस्तावेज, इलेक्ट्रानिक डिवाइस को जांच के लिए जब्त किया गया है। वही दूसरे दिन मंगलवार को नवा रायपुर स्थित पीएससी कार्यालय में परीक्षा से संबंधित दस्तावेज, कम्प्यूटर हार्ड डिस्क में सेव किए गए डेटा को जब्त किया गया है। साथ ही कर्मचारियों के बयान भी लिए गए है। बता दें कि 2020 से 2023 के बीच पीएससी भर्ती में हुए फर्जीवाड़े के बाद राज्य सरकार की अनुशंसा पर सीबीआई मामले की जांच कर रही है। सीबीआई ने इस पूरे मामले में ईओडब्ल्यू और बालोद थाना में दर्ज एफआईआर के आधार पर प्रकरण को जांच के दायरे में लिया है। पीएससी की 2020 और 2021 के डिप्टी कलेक्टर-डीएसपी की भर्ती परीक्षा में फर्जी तरीके से चयनित उम्मीदवारों के उत्तर पुस्तिका को फोरेंसिक लैब भेजकर जांच कराएगी। इस दौरान लिखे गए सवालों के जवाब और उपयोग की गई स्याही के साथ ही उम्मीदवारों के हस्तलिपि का मिलान करवाएगी। वहीं इसकी जांच करने वाले संबंधित मूल्यांकनकर्ता को तलब किया जाएगा। परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों के साथ ही इंटरव्यू लेने वालों के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही जांच के दौरान मिले इनपुट के आधार पर संबंधित लोगों को तलब किया जाएगा। बता दें कि इंटरव्यू लेने वाले पैनल में टामन सोनवानी भी शामिल थे। सीबीआई की टीम ने इस पूरे फर्जीवाड़े में उनकी भूमिका को संदेह के दायरे में लिया है। पीएससी परीक्षा से संबंधित डिलीट किए गए डेटा को रिकवर करने के लिए एक्सपर्ट की मदद लेने की तैयारी चल रही है। उनके जरिए कम्प्यूटर के हार्ड डिस्क से पुराना डेटा जांच के लिए रिकवर किया जाएगा। इसकी जांच करने पर पीएससी परीक्षा में सफल होने वाले प्रवीण्य उम्मीदवारों को फर्जी तरीके से बनाए गए सूची की पतासाजी होगी।