मुंबई के सभी स्कूलों में लगेगा CCTV, बच्च‍ियों से रेप की घटना के बाद फैसला

राष्ट्रीय

महाराष्ट्र : ठाणे के बदलापुर रेप की घटना को लेकर पूरे राज्य में आक्रोश है. इसी बीच राज्य के कोल्हापुर जिले से रेप की एक और खौफनाक घटना सामने आई है. कोल्हापुर में बुधवार की दोपहर से लापता नाबालिग बच्ची की डेड बॉडी बरामद हुई है. इन अपराधों को देखते हुए महिलाओं की सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अहम कदम उठाया है मुंबई उपनगरीय जिले के कैबिनेट मंत्री और संरक्षक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए निर्देश जारी किए हैं. निर्देशों के अनुसार, सभी स्कूलों में सीसीटीवी लगवाए जाएंगे. इसके आलावा लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी दी जाएगी. मंत्री लोढ़ा ने निर्देश दिया कि शौचालयों को छोड़कर पूरे स्कूल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और बीट मार्शल या गश्त करने वाली पुलिस टीमों द्वारा निगरानी की जाए. उन्होंने यह भी अनिवार्य किया कि लड़कियों के शौचालयों के बाहर देखरेख के लिए एक महिला कर्मचारी को नियुक्त किया जाए और इस बात पर ज़ोर दिया कि महिला सफाई कर्मचारियों को कम उम्र की लड़कियों और दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शौचालयों की सफ़ाई करनी चाहिए. इसके अलावा यह भी निर्देश दिया कि बसों, टैक्सियों और वैन जैसे छात्र परिवहन साधनों में एक महिला कर्मचारी मौजूद होनी चाहिए, तथा स्कूलों में सफाई कर्मचारियों पर भी पुलिस की नजर होनी चाहिए.

मंत्री लोढ़ा ने स्कूलों को लड़कियों के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग देने के लिए स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के साथ सहयोग करने की सलाह दी है. इमरजेंसी में छात्रों को 1098 हेल्पलाइन पर घटनाओं की सूचना देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. स्कूलों में इस बारे में पोस्टर कैंपस में पोस्टर लगाने चाहिए. इसके अलावा महिलाओं को हेल्पलाइन नंबर के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए. स्कूल में लड़कियों को पोस्टर लगाकर हेल्पलाइन नंबर 181 पर कॉल करना चाहिए.

मंत्री प्रभात लोढ़ा ने अपने पत्र में कहा, “महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराध सरकार, प्रशासन और हमारे समाज के लिए चिंता का विषय हैं. बदलापुर में हुई घटना ने रोकथाम के उपायों के लिए सार्वजनिक सुझाव दिए हैं. महिला सुरक्षा के प्रति लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं. इसे ध्यान में रखते हुए, मुंबई उपनगरीय क्षेत्र में किंडरगार्टन से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक सभी शैक्षणिक संस्थानों को सख्त निर्देश दिए जाने चाहिए.