CGPSC घोटाला केस CBI को सौंपा गया, छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने जारी की अधिसूचना, सिलेक्शन लिस्ट में भाई-भतिजावाद का आरोप

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सीजीपीएससी भर्ती घोटाला की जांच को राज्‍य सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दिया है। इसको लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी की है। जिसमें सरकार ने ब्‍यूरो को ईओडब्‍ल्‍यू और एसीबी में दर्ज एफआईआर के साथ ही पीएससी घोटाला में दर्ज एक और एफआईआर को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है। इसके साथ सीबीआई को इस मामले की जांच के लिए पूरे छत्‍तीगसढ़ में कार्यवाही करने की अनुमति भी दे दी गई है।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कथित तौर पर सीजीपीएससी भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत निकलकर सामने आई थी। जिसको लेकर तब के तत्कालीन सीजीपीएससी के चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी सहित पीएससी के कई अफसरों के खिलाफ नामजद FIR कराई गयी हैं। आरोप है कि, भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी करके सोनवानी सहित अन्‍य अफसरों और नेताओं के रिश्‍तेदारों को नौकरी दी गई है। वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव के दौरान यह बड़ा मुद्दा बना था। तब बीजेपी ने सरकार बनने पर इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की घोषणा की थी।

बीजेपी की सरकार बनने के बाद इसी वर्ष 3 जनवरी को हुई राज्‍य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला हुआ था। वहीं सीजी पीएससी भर्ती घोटाले को लेकर राज्‍य में 2 एफआईआर दर्ज कराई गई है। एक एफआईआर शासन के निर्देश पर एसीबी-ईओडब्‍ल्‍यू ने दर्ज की है। वहीं, दूसरी एफआईआर बालोद जिला के अर्जुंदा थाने में दर्ज हुई है। गृह विभाग से जारी अधिसूचना में दोनों ही मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने की जानकारी दी गई है।

एसीबी-ईओडब्‍ल्‍यू दर्ज एफआईआर में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और तब के तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव के साथ कुछ अफसरों और कांग्रेस नेताओं को आरोपी बना गया है। गृह विभाग से जारी पत्र के आधार पर यह एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें कहा गया है कि, छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा वर्ष 2021 जो 170 पदों के लिए ली गई थी और जिसके परिणाम 11 मई 2021 को जारी किए जाने के पश्चात् राज्य लोकसेवा आयोग पर अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ननकीराम कंवर व अन्य के माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई थी।