छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग के 2021 भर्ती प्रक्रिया में कथित धाँधली के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार उद्योगपति श्रवण गोयल की ओर से हाईकोर्ट में ज़मानत याचिका पेश की गई है। याचिका की सुनवाई जस्टिस बी डी गुरु की कोर्ट में हुई। उद्योगपति श्रवण गोयल की ओर से याचिका अधिवक्ता अंकित सिंघल ने पेश की,सीबीआई की ओर से बी गोपाकुमार कोर्ट में पेश हुए थे। हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम ज़मानत की याचना की गई जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। ज़मानत याचिका पर सीबीआई को दो हफ़्ते में जवाब दाखिल करना है। दो हफ़्ते के बाद अदालत इस मामले की सुनवाई करेगी।
राज्य लोक सेवा आयोग याने CGPSC ने वर्ष 2021 में विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रिया की थी।171 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया को बीजेपी की ओर से प्रश्नांकित किया गया। इस भर्ती में 170 अभ्यर्थियों को चयनित किया गया था।बीजेपी की ओर से यह आरोप लगाया गया कि,भर्ती प्रक्रिया में व्यापक धाँधली की गई और अधिकारियों उद्योगपतियों तथा राजनेताओं के नज़दीकी रिश्तेदारों का चयन किया गया।बीजेपी ने इसे विधानसभा चुनाव में अहम मुद्दे के रुप में उठाया। आरोप इतनी गति से लगाए गए कि,इसका असर विधानसभा चुनाव में नज़र भी आया।युवाओं ने भाजपा को वोट दिया। बीजेपी सरकार आने के बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया।सीबीआई ने इस मामले में अब तक सात को गिरफ्तार किया है।
इस मामले में रायपुर कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैज़ल रिज़वी सीबीआई के रिकॉर्ड जो कि इस मामले में अदालत में पेश किए गए उन्हें दिखाते हुए कहते हैं -“सीबीआई यह कह रही है कि घोटाला हुआ, लेकिन यह नहीं बता रही है कि कैसे हुआ।” रायपुर कोर्ट में सीबीआई की ओर से पेश की गई चार्जशीट का हवाला देते हुए फैजल कहते हैं – सबसे पहले इस मामले में तत्कालीन पीएससी अध्यक्ष टामन सिंग सोनवानी और उद्योगपति श्रवण गोयल की गिरफ़्तारी हुई, इसके क़रीब 52 दिन के बाद अभ्यर्थियों को गिरफ़्तार किया गया। सीबीआई ने जब चार्जशीट जमा की तो उसमें उन पाँच अभियुक्तों की भी जाँच पूरी बताकर चार्जशीट दाखिल कर दी गई। यह इस प्रकरण में सीबीआई की जाँच पर सवाल है।”