Chandra Grahan 2022: भारत में दिखेगा 8 नवंबर का चंद्र ग्रहण, सूतक काल लगने से पहले निपटा लें ये 3 काम

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Chandra Grahan 2022 Sutak Kaal: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगने वाला है. यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखने वाला है, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा. भारतीय समयानुसार, 8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में शाम 5 बजकर 20 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 18 मिनट तक दृश्यमान होगा. चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले इसका सूतक काल लग जाएगा. ज्योतिषियों की मानें तो इस दिन ग्रहण का सूतक काल लगने से पहले तीन काम जरूर कर लें.

1. तुलसी के पत्ते- ग्रहण काल में तुलसी के पत्तों को विशेष महत्व बताया गया है. सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण लगने से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए. इससे खाद्य पदार्थ ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचे रहते हैं और इन्हें बाद में आसानी से खाया जा सकता है.

हालांकि तुलसी के पत्तों को तोड़ने का भी एक निश्चित समय होता है. आपको न तो ग्रहण काल में तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए और न ही सूतक काल में. बेहतर होगा कि आप सूतक काल से पहले ही तुलसी के पत्तों को तोड़कर रख लें और ग्रहण लगने से पहले ही उन्हें खाने में डाल दें.

2. मंदिर के कपाट- चंद्र ग्रहण लगने से पहले सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. इन्हें चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद ही खोला जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस अवधि में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करने से बचना चाहिए. ग्रहण काल में देवी-देवताओं की पूजा वर्जित होती है. इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने घर के मंदिरों के कपाट भी बंद ही रखें. इन्हें सूतक काल के प्रारंभ से लेकर ग्रहण समापन तक बंद रखें.

देव दिवाली पर दीपदान- दिवाली पर सूर्य ग्रहण की तरह देव दिवाली पर चंद्र ग्रहण का संयोग बन रहा है. दरअसल देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा पर मनाई जाती है. कार्तिक पूर्णिमा तिथि 07 नवंबर की शाम 04 बजकर 15 मिनट से लेकर 08 नवंबर की शाम 04 बजकर 31 मिनट तक रहेगी. ऐसे में कुछ लोग ग्रहण से एक दिन पहले यानी 07 नवंबर को ही देव दिवाली मनाने की बात कर रहे हैं.

देव दिवाली के दिन दीपदान का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन काशी के गंगा घाट पर दीप जलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि देव दिवाली पर दीप दान करने से इंसान की तकदीर चमक सकती है. चूंकि 8 नवंबर को भी पूर्णिमा तिथि लग रही है, इसलिए बेहतर होगा कि आप चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले ही दीपदान की परंपरा पूरी कर लें.