छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सत्ता पक्ष के ही विधायक अपने मंत्रियों से गंभीर मुद्दों पर बहस करते दिख रहे हैं। 9वें दिन भी विधायक अजय चंद्राकर की मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से बहस हुई। सदन की कार्यवाही में प्रश्नकाल के दौरान जहां एक ओर विपक्ष नहीं सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सरकार के मंत्रियों को घेरने की कोशिश की। पूर्व मंत्री और कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने स्वास्थ्य विभाग में उपकरण खरीदी में हुए घोटाले का मुद्दा उठाया, जिसका जवाब स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायवाल ने सदन के पटल पर रखा। प्रश्नकाल के दौरान CGMSC का मुद्दा गूंजा। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने रीएजेंट सप्लाई का मुद्दा उठाते हुए उपकरण सप्लाई की दरों को लेकर जानकारी मांगी। जिस पर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने जानकारी देते हुए कहा- दोषी अफसरों के खिलाफ EOW को हमने जांच सौंपा है। जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। अजय चंद्राकर ने पूछा कि डायरेक्टर हेल्थ ने उपकरण खरीदी के लिए डिमांड की थी, जिसकी खरीदी सीजीएमएसी की ओर से खरीद की गई। आप ये बताने की कृपा करेंगे कि कितनी सामाग्री की डिमांड की गई और कितनी राशि खरीद के लिए उपलब्ध कराई गई? कितने दिन के भीतर उपकरणों और सामानों की सप्लाई की गई?
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के सवालों का जवाब स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायवाल दे रहे थे कि अचानक अजय चंद्राकर फिर उठ खड़े हुए और अपना सवाल फिर दोहराया। लेकिन श्याम बिहारी जायवाल ने जो जवाब दिया उससे अजय चंद्राकर संतुष्ट नजर नहीं आए और सदन में दोनों सदस्यों के बीच गहमागहमी का माहौल बन गया। मंत्री जायसवाल ने कहा- साल 2024-25 में 120 करोड़ का प्रावधान था 385 करोड़ की खरीदी कर ली गई। विभागीय जांच की गई, बाद में मामले को EOW को दिया गया। जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस दौरान अजय चंद्राकर ने बगैर राशि के खरीदी को लेकर सवाल उठाते हुए दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की भी जानकारी मांगी।