बिलासपुर में एक महिला को ITI में नौकरी लगाने का झांसा देकर तीन लाख रुपए की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने धमतरी से गिरफ्तार किया है। ठग ने महिला के भाई को ITI के अफसरों से पहचान होने और नौकरी लगाने का दावा किया था। पैसे देने के बाद उसने फर्जी नियुक्ति आदेश भी थमा दिया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।
कपिल नगर निवासी स्वाति पांडेय ने शिकायत की थी कि उसका भाई ऋषभ किसी काम से 2018 में जिला अस्पताल गया था। इस दौरान उसकी पहचान संतोष श्रीवास नाम के युवक से हुई। चर्चा के दौरान उसने बताया कि गीतांजलि सिटी में रहने वाले नीरज लाल (36) की ITI में पहचान है और वह नौकरी लगवा सकता है। इसके बाद ऋषभ ने नीरज से मुलाकात की। उसने बताया कि कोनी स्थित ITI में वैकेंसी है।
इसमें वह नौकरी लगवा सकता है। ऋषभ उसकी बातों में आकर अपनी बहन स्वाति पांडेय को इसकी जानकारी दी। फिर उससे पैसे की बात की। दोनों भाई-बहन नीरज से मिलने उसके घर गए, जहां नौकरी लगाने के लिए नीरज ने तीन लाख रुपए में सौदा तय किया। इस पर उन्होंने उसके घर में ही तीन लाख रुपए दे दिए।
पैसे लेकर थमाया फर्जी नियुक्ति आदेश
महिला से तीन लाख रुपए लेने के कुछ समय बाद नीरज ने भारत सरकार श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का एक नियुक्ति पत्र दिया और बताया कि कंपोजिट के बिल्डिंग के तीसरी मंजिल स्थित जेडी ऑफिस में तृतीय श्रेणी क्लर्क के पद पर उसकी नियुक्ति हो गई है। तब महिला नियुक्ति आदेश लेकर जेडी ऑफिस पहुंची, तो नियुक्ति आदेश को फर्जी बताया गया। इसके बाद महिला को पता चला कि नीरल लाल ने पैसे लेकर उसके साथ धोखाधड़ी की है।
मोबाइल बंद कर हो गया गायब, अब गिरफ्तार
इसके बाद महिला ने नीरज को फोन लगाकर नियुक्ति पत्र के संबंध में बात की। साथ ही अपने रुपए वापस मांगे। इसके बाद से आरोपी ने अपना मोबाइल बंद कर दिया और गायब हो गया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी। इस बीच पुलिस ने महाराष्ट्र के नागपुर में भी दबिश दी। आखिरकार, उसके धमतरी में होने की जानकारी मिलने पर पुलिस की टीम ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई में टीआई फैजूल शाह, आरक्षक मनोज बघेल, धर्मेन्द्र कुमार, विवेक राय, सोनू पाल, राहुल सिंह, मिथलेश सोनी शामिल रहे।