देशभर समेत छत्तीसगढ़ में आज से नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है। अब चार दिन छठ पूजा चलेगी। दुर्ग, सरगुजा, रायगढ़ और जगदलपुर समेत तमाम जिलों में छठ घाट बनाए गए हैं। वहीं बिलासपुर में एशिया का सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट बनाया गया है। जहां हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। यह घाट सात एकड़ में फैला हुआ है और यहां एक साथ 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु सूर्यदेव को अर्घ्य देकर छठ पूजा का आयोजन करते हैं।
हालांकि, मुंबई के जुहू चौपाटी को क्षेत्रफल के हिसाब से देश का सबसे बड़ा छठ घाट माना जाता है, परंतु यह स्थायी नहीं है। इसके विपरीत, बिलासपुर का तोरवा घाट स्थायी है, जिसमें लाइटिंग, पार्किंग, सामुदायिक भवन, गार्डन और पुलिस चौकी जैसी सुविधाएं वर्षभर उपलब्ध रहती हैं। इसके साथ ही, छठ महापर्व के दौरान साफ-सफाई और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाते हैं।
छठ महापर्व की शुरुआत आज 5 नवंबर से ‘नहाय-खाय’ के साथ होगी। 6 नवंबर को ‘खरना’ मनाया जाएगा और इसके बाद 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य और 8 नवंबर को उदय अर्घ्य के साथ महापर्व का समापन होगा। इस चार दिवसीय आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। रविवार को बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण और एसपी रजनेश सिंह ने अरपा नदी किनारे बने तोरवा घाट का निरीक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। अधिकारियों ने आयोजन समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सभी तैयारियों पर चर्चा की और जिम्मेदारियां सौंपीं। विशेष रूप से साफ-सफाई, ट्रैफिक और पार्किंग के प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।