छत्तीसगढ़ में मेयर और पालिकाध्यक्ष का चुनाव अब सीधे जनता करेगी, विधेयक बहुमत से पारित

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छत्तीसगढ़ : विधानसभा में गुरुवार को निर्णय लिया अब राज्य में नगर निगमों के मेयर और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से किया जाएगा। विधानसभा में पारित हुए नगर पालिका निगम और नगर पालिका संशोधन विधेयक ने इस बदलाव की पुष्टि की, जिससे अब जनता को अपने स्थानीय नेताओं का सीधा चुनाव करने का अधिकार मिलेगा। इस विधेयक को विपक्षी कांग्रेस की गैरमौजूदगी में बहुमत के आधार पर पारित किया गया। कांग्रेस ने इस संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध किया और सदन से वॉकआउट कर दिया। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय, मेयर और पालिकाध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होता था, जहां चुने गए पार्षदों के माध्यम से यह पद भरे जाते थे। इस व्यवस्था को बदलने के लिए मौजूदा राज्य सरकार ने पहले अध्यादेश लाने का प्रयास किया था, जिसे अब विधानसभा से मंजूरी मिल गई है।

प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली में, जनता सीधे अपने मेयर और पालिकाध्यक्ष का चुनाव करेगी, जबकि अप्रत्यक्ष प्रणाली में यह जिम्मेदारी चुने गए पार्षदों के हाथों में होती थी। इस नए कानून के तहत, नगर निगमों और नगर पालिकाओं के प्रमुखों का चुनाव अब सीधे जनता द्वारा किया जाएगा, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाएगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य स्थानीय सरकारों में अधिक लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने के पक्ष में राज्य सरकार ने तर्क दिया है कि इससे नगर निगमों और पालिकाओं में प्रशासनिक स्थिरता आएगी और जनता की पसंद के आधार पर सीधे निर्वाचित नेता बेहतर जिम्मेदारी के साथ कार्य कर सकेंगे।

विपक्षी दल कांग्रेस ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे “लोकतंत्र पर हमला” बताया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अप्रत्यक्ष प्रणाली अधिक संतुलित थी और सभी पार्षदों को अपनी जिम्मेदारी निभाने का अवसर देती थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने यह विधेयक राजनीतिक फायदे के लिए लाया है और इसे जल्दबाजी में पारित कराया गया है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि इससे पार्षदों की भूमिका कमजोर हो जाएगी और सत्ता का केंद्रीकरण होगा।

छत्तीसगढ़ में कुल 16 नगर निगम और 44 नगर पालिकाएँ हैं, जिनमें प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली लागू होने से करीब 1.2 करोड़ से अधिक मतदाताओं को सीधा लाभ होगा। यह नया बदलाव स्थानीय प्रशासन को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।