छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री श्री साय अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय के साथ गायत्री महायज्ञ में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश की सभ्यता है कि हम स्त्री को देवी का स्वरूप मानते हैं। हमारी सरकार ने देवी स्वरूप माताओं-बहनों के लिए महतारी वंदन योजना लागू कर उन्हें सम्मान देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि गायत्री परिवार के सदस्यों ने वेदमाता गायत्री के 108 कुण्डीय महायज्ञ का भव्य आयोजन किया है और गायत्री महायज्ञ के माध्यम से समाज को धर्म, सद्कर्म से जोड़ने और सद्भाव बढ़ाने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गायत्री परिवार के सदस्यों ने देश को मजबूती प्रदान करने का कार्य किया है, क्योंकि कोई भी देश तभी मजबूत हो सकता है, जब उसकी बुनियाद मजबूत हो। हमारे देश की बुनियाद हमारी सनातन परम्पराओं में है। उन्होंने बताया कि हमारा परिवार कई दशकों से गायत्री परिवार के साथ जुड़ा हुआ है। गायत्री परिवार के सदस्य धर्म जागरण का कार्य कर रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश माता कौशिल्या की धरती है तथा भगवान श्रीराम जी का ननिहाल है। गायत्री महामंत्र वेदों का और हमारी सनातन परम्परा का सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है। यह हमें सन्मार्ग की ओर चलने की प्रेरणा देता है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के उप कुलाधिपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि मनुष्य को जीवन एक स्वर्णिम अवसर के रूप में मिला है, जिसे अच्छे उद्देश्य में लगाना चाहिए। गायत्री परिवार इंसान के अंदर देवत्व की भावना को जगाने वाला परिवार है। यज्ञ हमें श्रेष्ठ कर्म की ओर प्रेरित करता है। उन्होंने गायत्री परिवार के सदस्यों को आह्वान किया कि वे समाज से नशे की बुराई को दूर करने के लिए लगातार प्रयास करें।