China Covid News: कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं हुआ! चीन में हर हफ्ते 6.5 करोड़ नए मामले

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बीजिंग: आपके लिए कोरोना वायरस का प्रकोप लगभग थम गया है। लोग अब महामारी के पहले की सामान्य जिंदगी जी रहे हैं। मास्क और पीपीई किट अब बीते जमाने की बात हो गई है। सोशल डिस्टेंसिंग का तो सवाल ही नहीं उठता है। लेकिन, चीन के लिए यह अभी इतना आसान नहीं है। मई के आखिरी हफ्ते में चीनी वरिष्ठ स्वास्थ्य सलाहकार ने जून तक चीन में हर हफ्ते 6.5 करोड़ कोविड-19 मामलों का अनुमान जताया। इसके बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। लोगों के मन में सवाल है कि क्या कोरोना वायरस फिर से फैलने लगा है। अगर फैल रहा है तो इसका प्रभाव कैसा है। क्या फिर से लोगों को महामारी जैसे माहौल में जीना पड़ेगा, जहां तरह-तरह की पाबंदियां होंगी। ऐसे में आज जानिए कि चीन में कोरोना महामारी के फैलने से दुनिया को कितना चिंतित होना चाहिए।

चीन में तेजी से फैल रहा कोरोना

टाइम की रिपोर्ट के अनुसार, चीन अप्रैल से ही कोविड-19 के XBB वेरिएंट से पैदा हुई लहर का सामना कर रहा है। कोविड-19 को आसानी से फैलने वाली बीमारी की पुष्टि करने वाले पहले वैज्ञानिकों में से एक श्वसन रोग विशेषज्ञ झोंग नानशान ने चीन में कोरोना की रफ्तार पर चिंता जताई है। उन्होंने डेटा के आधार पर तैयार एक मॉडल के जरिए यह बताया है कि चीन में शू्न्य कोविड नीति को अचानक समाप्त करने के लगभग छह महीने बाद देश में यह बीमारी कैसे फैल रही है।

दिसंबर से डेटा जारी नहीं कर रहा चीन

चीन ने पिछले साल दिसंबर की शुरुआत में वायरस के साथ जीने की नीति पर चलने के बाद से साप्ताहिक संक्रमण के डेटा को अपडेट करना बंद कर दिया है। चीन में कोरोना संबंधित आकड़ें सरकारी एजेंसी चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन जारी करती थी। चीन में महामारी को रोकने वाले प्रोटोकॉल को अचानक खत्म करने से एक सप्ताह बाद अनुमानित 3.7 करोड़ नए संक्रमण हुए। जनवरी तक विशेषज्ञों ने कहा कि उनका मानना है कि चीन की 1.4 बिलियन आबादी का लगभग 80 फीसदी इस पहली लहर में पहले ही संक्रमित हो चुका था।

जून तक हर हफ्ते चीन में 6.5 करोड़ केस

डॉ झोंग नानशान ने डेटा के अधार पर खुलासा किया कि अप्रैल के बाद दूसरी लहर में मई तक हर हफ्ते 4 करोड़ संक्रमण होने की उम्मीद थी। उन्होंने आशंका जताई कि यह आंकड़ा जून में बढ़कर 6.5 करोड़ तक जा सकता है। हालांकि, उनका यह दावा चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुमान के खिलाफ जाता है कि कोरोना की लहर अप्रैल में चरम पर थी। बीजिंग में 15 से 21 मई के बीच दर्ज किए गए नए संक्रमणों की संख्या चार सप्ताह में चार गुना बढ़ गई है। झोंग का अनुमान है कि जब तक इस वेरिएंट को टारगेट करने वाली वैक्सीन बाजार में आएगी, तब तक संक्रमण की दर काफी बढ़ चुकी होगी।

चीन ने कोरोना के साथ जीना सीख लिया

काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में वैश्विक स्वास्थ्य के वरिष्ठ फेलो यानझोंग हुआंग ने टाइम को बताया कि चीन में कोरोना के मामलों की जानकारी पाना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि सिर्फ बड़े पैमाने पर परीक्षण से ही कोविड-19 की वास्तविक सीमा का पता लगाया जा सकता है। हुआंग ने कहा कि अगर चीन चिंता नहीं करता है तो हमें चिंता नहीं करनी चाहिए। सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी इस दूसरी लहर की गंभीरता को कम करने की कोशिश करते हैं। ऐसा लगता है कि चीनी लोगों ने वायरस के साथ जीना सीख लिया है।

कोरोना को अब सामान्य बीमारी मान रहा चीन

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की तुलना में चीन ने अभी-अभी कोविड को एक महामारी से एक स्थानीय बीमारी में बदलना शुरू कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया में डीकिन विश्वविद्यालय में महामारी विशेषज्ञ कैथरीन बेनेट का कहना है कि नई लहर कोविड वैक्सीन की प्रभावशीलता का परीक्षण करती है। ऐसे में चीन को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी वैक्सीन प्रभावी हों और बुजुर्ग, कमजोर स्वास्थ्य वाले लोगों को बचा सकें।

नए वेरिएंट्स के पैदा होने का डर बरकरार

कैथरीन बेनेट ने कहा कि कोरोना वायरस के चीन में फैलते रहने के साथ साथ घटती सार्वजनिक प्रतिरक्षा एक नए खतरे को पैदा कर रही है। इससे पहले से ज्यादा खतरनाक कोविड वेरिएंट के उभरने की संभावना बनी हुई है। कोरोना का वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है। हालांकि, अभी तक ज्ञात नए वेरिएंट ओमीक्रोन से ज्यादा अलग नहीं हैं। बेनेट का कहना है कि नए वेरिएंट के लक्षण काफी हल्के हैं और यह काफी हद तक हमें आश्वस्त भी करता है। लेकिन, खतरा अभी टला नहीं है। ये हमारी प्रतिरक्षा पर गंभीर असर डाल रहा है।

चीनी डेटा चिंता का विषय

वैज्ञानिकों को सबसे ज्यादा चिंता कोरोना के जन्मस्थान माने जाने वाले चीन से कम डेटा की उपलब्धता है। उनका कहना है कि चीन जानकारी साझा करने के लिए तैयार नहीं है। कई स्वतंत्र विशेषज्ञ चीन के आधिकारिक कोविड-19 डेटा के आंकड़ों पर संदेह कर रहे हैं। अक्टूबर-दिसंबर 2022 की अवधि के लिए चीन के विवाह और अंतिम संस्कार के आंकड़ों के देरी से जारी होने से भी अटकलें लगाई जा रही हैं। चीन को अभी तक अपनी पहली लहर के प्रसार की वास्तविक सीमा का निर्धारण करना है।