चीन के टेक्नोलॉजी मिनिस्टर जिन झुआंगलोंग दो महीनों से गायब हैं. दिसंबर के बाद से वह किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं दिखे हैं. उनकी गैरमौजूदगी पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, गायब होने से पहले झुआंगलोंग नियमित रूप से सरकारी बैठकों में शामिल हो रहे थे, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे और चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग के साथ दौरों पर भी जा रहे थे. उनके अचानक गायब होने के पीछे निजी वजहें भी हो सकती हैं, लेकिन चीन में सरकारी अधिकारियों का लंबे समय तक पब्लिक में न दिखने का एक खास मतलब होता है: उनके खिलाफ राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोई एक्शन लिया है सरकारी रिकॉर्ड बताते हैं कि जिन झुआंगलॉन्ग की आखिरी सार्वजनिक उपस्थिति 27 दिसंबर 2024 को हुई थी. इस दिन उन्होंने एक बैठक की अध्यक्षता की थी, जहां शी जिनपिंग की नई औद्योगीकरण नीति की सराहना की गई थी. इसके बाद जनवरी और फरवरी में वह कई महत्वपूर्ण बैठकों से गायब रहे. उन्हें जनवरी में शीर्ष अधिकारियों की बैठक और फरवरी में राज्य परिषद की बैठक में शामिल होना था, लेकिन वह नहीं आए. झुआंगलोंग पर भ्रष्टाचार विरोधी जांच चल रही हो सकती है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछले एक दशक से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चला रहे हैं. लेकिन कई लोग इसे राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने की रणनीति भी मानते हैं. साल 2023 में चीन के भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संगठन ने 8,89,000 सरकारी अधिकारियों को हिरासत में लिया था. यह संख्या 2022 की तुलना में 46% ज्यादा थी और एक दशक में सबसे अधिक थी. जिन झुआंगलोंग ने चीन की एविएशन इंडस्ट्री में बड़ी भूमिका निभाई है. वह पांच साल तक सरकारी विमान निर्माता कंपनी COMAC के चेयरमैन रहे. उनके नेतृत्व में चीन के पहले घरेलू पैसेंजर जेट C919 का विकास हुआ. इस उपलब्धि ने उन्हें एक मजबूत इंडस्ट्री लीडर के रूप में स्थापित किया. COMAC के बाद, जिन को चीन के केंद्रीय सैन्य-नागरिक एकीकरण कार्यालय में डिप्टी डायरेक्टर नियुक्त किया गया. 2022 में उन्हें उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री बनाया गया. इससे पहले उनके पूर्ववर्ती शिआओ याकिंग को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते हटा दिया गया था.
