बिहार में NDA के सीट बंटवारे के दो दिन बाद चिराग पासवान ने बड़ा ऐलान किया है. लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के चीफ चिराग पासवान अपने पिता की परंपरागत हाजीपुर सीट से ही चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उन्होंने बुधवार को इसका ऐलान किया है. चिराग पासवान के पिता दिवंगत रामविलास पासवान हाजीपुर सीट से 9 बार सांसद रहे. 1977 के चुनाव में रामविलास पासवान ने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को सवा चार लाख वोटों के अंतर से हरा दिया था. ये पहली बार था जब किसी नेता ने इतनी बड़ी जीत हासिल की थी. ये जीत इतनी बड़ी थी कि उनका नाम गिनीज बुक में भी दर्ज किया गया.
1977 के चुनाव के बाद हाजीपुर सीट पर रामविलास पासवान का दबदबा बन गया. 1984 और 2009 का चुनाव छोड़कर वो बाकी सभी चुनावों में यहां से जीते. वो यहां से 9 बार सांसद रहे. आखिरी बार रामविलास पासवान ने 2014 में यहां से लोकसभा चुनाव लड़ा. इसके बाद वो राज्यसभा में चले गए. 2019 में उनके छोटे भाई पशुपति पारस यहां से सांसद बने.
दो दिन पहले ही NDA में बिहार की लोकसभा सीटों को लेकर बंटवारा हुआ है. इस बंटवारे में बीजेपी 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. जेडीयू के खाते में 16 सीटें आई हैं. चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5 सीटें मिली हैं. वहीं, जीतनराम मांझी की पार्टी HAM को 1 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल को एक सीट मिली है.
चिराग पासवान को इस बार 5 लोकसभा सीटें मिली हैं, जिनमें वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई शामिल हैं. हालांकि, फिलहाल इन पांचों सीटों से पशुपति पारस की पार्टी के नेता सांसद हैं. दरअसल रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में फूट पड़ गई थी. पार्टी में फूट पड़ने के बाद लोजपा के दो गुट हो गए, जिनमें एक गुट के मुखिया पशुपति पारस हैं और दूसरे गुट के मुखिया चिराग पासवान हैं. चिराग पासवान फिलहाल खुद जमुई से सांसद हैं