भारत सरकार ने लेबनान में जंग जैसे हालातों को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है। बेरूत स्थित भारतीय दूतावास ने यहां रह रहे भारतीय नागरिकों से तुरंत देश छोड़कर जाने को कहा है। वहीं, लोगों को बेहद सतर्क रहने की भी सलाह दी गई है। दो महीने पहले दूतावास ने लोगों को वहां जाने से भी मना किया था। लेबनान और इजराइल के बीच हो रहे हमले पिछले 8 दिनों में बढ़े हैं। इनमें 700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इजराइली सेना लेबनान में घुसपैठ की तैयारी कर रही है। ऐसे में मिडिल ईस्ट में एक और जंग का खतरा मंडरा रहा है।
Advisory dated 25.09.2024 pic.twitter.com/GFUVYaqgzG
— India in Lebanon (@IndiaInLebanon) September 25, 2024
इजराइल के मिलिट्री चीफ हर्जई हालेवी ने बुधवार को कहा कि लेबनान में उनके हवाई हमलों का मकसद हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे को नष्ट करना और जमीनी घुसपैठ का रास्ता तलाशना है। इजराइली सेना ने कहा कि उन्होंने बुधवार देर रात हिजबुल्लाह के 75 ठिकाने पर हमले किए। बुधवार को इजराइली हमले में कम से कम 72 लोगों की मौत हुई है। हालेवी ने कहा कि इजराइली सेना, हिजबुल्लाह के इलाके में घुसेगी और उनकी सैन्य चौकियों को बर्बाद करेगी। तब उन्हें पता चलेगा कि इजराइली सेना का सामना करने का क्या मतलब होता है। उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह के हमलों के वजह से इजराइल के लोगों को घर छोड़ना पड़ा था। अब वे अपने घर लौट पाएंगे।
अमेरिका और फ्रांस ने इजराइल-लेबनान जंग को रोकने के लिए बुधवार को 21 दिन के सीजफायर की मांग की। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में इस जंग को लेकर एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जंग रोकने को लेकर बातचीत की जाएगी। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सऊदी अरब, UAE, कतर समेत कई यूरोपीय देशों ने सीजफायर की मांग का समर्थन किया। बैठक में फ्रांस ने कहा कि लेबनान में हो रही जंग को रोकना जरूरी है, वर्ना इससे मिडिल ईस्ट में जंग और बढ़ सकती है। कूटनीति से इसे रोका जा सकता है।