छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने गुरुवार (17 नवंबर) को रायपुर में मीडिया से बातचीत में कहा, “अगर 40,000 साल पहले भारत में सबका DNA एक जैसा था तो ये नफरत क्यों? आरएसएस प्रमुख कभी दलित या आदिवासी क्यों नहीं होता? वे सभी एक विशेष वर्ग के क्यों हैं?”
सीएम बघेल ने कहा कि आरएसएस वाले कुछ भी नया नहीं कर रहे हैं, वो वही मुद्दे उठा रहे हैं जो कभी कांग्रेस उठाती थी। उन्होंने कहा कि सेवादल की नकल करके आरएसएस को बनाया गया है। राम, गाय, स्वदेशी ये सब मुद्दे कांग्रेस ने उठाए हैं। RSS इनकी नकल कर रही है, इसमें नया क्या है बताएं
केजरीवाल की विचारधारा क्या है?
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकारी ऑफिसों से पीएम नरेंद्र मोदी की फोटो हटाए जाने की मांग पर भी सीएम बघेल ने निशाना साधा है। भूपेश बघेल ने कहा कि केजरीवाल मानसिक दिवालियापन से गुजर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल एक तरफ गांधी टोपी लगाकर चुनाव लड़ते हैं। उसके बाद जब पंजाब में उनकी सरकार बनती है तो गांधी जी की तस्वीर गायब हो जाती है और सरदार वल्लभ और भगत सिंह की तस्वीर लगाते हैं। वहीं दोनों की विचारधारा की विपरीत वह नोटों में गणेश और लक्ष्मी की फोटो की मांग करते हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि ये वैचारिक दिवालियापन है। केजरीवाल किस विचारधारा के हैं यह पहले बताना चाहिए।
दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग से मांग की है कि प्रधानमंत्री मोदी के फोटो को सरकारी दफ्तरों से हटाया जाए, इससे आचार संहिता का उल्लंघन होता है।
मोहन भागवत धर्म परिवर्तन पर न बोलें:
इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने धर्मांतरण के मुद्दे पर कहा कि हमारे भोलेपन का लाभ लेकर ठगने वाले लोगों से हमें सावधान रहना चाहिए। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर पहुंचे भागवत ने कहा था कि हमें अपने देश, संस्कृति और धर्म से अलग नहीं होना चाहिए। कुछ लोग हमारी मासूमियत का फायदा उठाकर हमें ठगने की कोशिश करते हैं लेकिन हमें मजबूत बने रहना है।
इसपर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मोहन भागवत धर्म परिवर्तन पर न बोलें। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत जी को पूर्व सीएम रमन सिंह से जानकारी लेनी चाहिए कि उनके शासन में कितनी चर्च बनीं। अगर उनके पास जानकारी नहीं हो, तो मैं उपलब्ध करा सकता हूं।