पश्चिम बंगाल में टीचर भर्ती घोटाले में राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक माहौल पूरी तरह गरम है. दो दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने एक बयान में कहा कि मैं भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती हूं. उन्होंने आगे कहा कि सभी लोग एक जैसे नहीं होते हैं.
मैं चाहती हूं कि सच्चाई एक समय सीमा में सामने आए.
उन्होंने कहा कि अगर दोषी साबित पाए जाते हैं तो उम्र कैद की सजा दिए जाने में भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि मैंने जीवनभर राजनीति की है. ये अपने निजी फायदे के लिए नहीं की. मेरे लिए राजनीति ही जनसेवा है. राजनीति लोगों से प्यार करने और देश की सेवा करने के बारे में है. ये मैंने अपने शिक्षकों, माता-पिता से सीखा है.
ममता ने आगे कहा कि क्या सभी एक जैसे हो सकते हैं? मतभेद होंगे… सभी व्यक्ति एक जैसे नहीं होते. उन्होंने कहा कि मेरे जीवन का उद्देश्य भ्रष्टाचार का समर्थन करना नहीं है. मुझे एक पूर्व सांसद के रूप में 1 लाख पेंशन मिलती है और मैं सीएम के रूप में 2 लाख वेतन प्राप्त कर सकती हूं. लेकिन मैं वेतन के रूप में एक पैसा भी नहीं लेती हूं. यहां तक कि जब मैं सर्किट हाउस में रहती हूं तो मैं इसका भी भुगतान करती हूं.
उन्होंने कहा कि नेताजी ने भी अपनी पुस्तक में भूल करने के अधिकार के बारे में लिखा है. जिस दिन मुझे उन छात्रों (एसएससी के उम्मीदवार) के बारे में पता चला जो वंचित रह गए हैं, मैं खुद जाकर उनसे मिली. फिर भी मैंने नई पोस्ट बनाकर उन्हें समायोजित करने की कोशिश की. यदि कोई गलती करता है तो उसे संशोधन करने का अवसर दिया जाना चाहिए. हालांकि, मैं ये दावा नहीं कर सकती कि हर कोई संत है, लेकिन मैंने कभी भी जानबूझकर कोई गलत काम नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि अगर वे मुझसे पूछते हैं कि मेरी आय का स्रोत क्या है तो मैं उन्हें बता दूं कि मैं किताबें लिखती हूं, मुझे इससे रॉयल्टी मिलती है. मेरी कई किताबें बेस्टसेलर हैं. ममता ने कहा कि मैं मीडिया ट्रायल में शामिल नहीं होना चाहती. हम कैसे जानते हैं कि कोई बेईमानी नहीं है?
उन्होंने कहा कि मैं विभिन्न दुर्गा पूजा में शामिल होती हूं. मैं बहुत से लोगों से मिलती हूं तो मैं क्या कर सकती हूं? क्या इसका मतलब यह है कि मैं लोगों के साथ जुड़ना बंद कर दूंगी? अगर ऐसा है तो मेहुल चौकसी, नीरव मोदी का क्या? पीएम भी दिखे उनके साथ. उन्होंने जानबूझकर 22 जुलाई को सिर्फ हमें निशाना बनाने के लिए चुना, क्योंकि हमने 21 जुलाई को सफलतापूर्वक रैली की थी.
ममता का कहना था कि BJP और CPIM द्वारा दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाया जा रहा है. अगर आप मेरी छवि खराब करने की कोशिश करते हैं तो याद रखें कि मेरे हाथ में भी चीजें हैं. मुझे एक क्षेत्र बताओ, एक संस्थान जहां लोग किसी एक को प्राथमिकता नहीं देते? वे बड़े पैमाने पर धन और भ्रष्टाचार के बारे में बात कर रहे हैं. लेकिन कहां? किसी भी मीडिया ने इसे नहीं दिखाया, हमें कैसे पता चलेगा? एक लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी दी गई. मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, लेकिन मैं यह भी जानती हूं कि न्यायपालिका पर बीजेपी का अब कितना दबदबा है. अगर उन्हें लगता है कि वे पार्टियों को तोड़ सकते हैं, सरकार का उपयोग कर सकते हैं तो याद रखें कि मैं लोगों की पार्टी करती हूं.