महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से योगी सरकार ने सेफ सिटी प्रोजेक्ट लागू किया है. इसके तहत 17 नगर निगमों के गौतम बुद्ध नगर में कॉलेज, मदरसे और विश्वविद्यालय के प्रवेश और निकास बिंदुओं के साथ-साथ सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी बढ़ाई गई है.
इसके अलावा उपद्रवियों के जमावड़े और छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए इन शहरों में निजी कोचिंग संस्थानों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. यही नहीं सरकार ने निजी कोचिंग संस्थानों में लड़कियों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसमें देर शाम की कक्षाओं पर रोक लगा दी गई है.
सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत गौतमबुद्ध नगर के 17 नगर निगमों और 2500 स्कूलों को राज्य सरकार ने सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए चिन्हित किया था. इनमें से 1,692 स्कूलों में सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं जबकि बाकी स्कूलों में इन्हें लगाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. इन संस्थानों में कुल 26,568 सीसीटीवी लगाए गए हैं. इनमें 68 मान्यता प्राप्त सरकारी स्कूल, 646 सहायता प्राप्त स्कूल और 1786 गैर सहायता प्राप्त स्कूल शामिल हैं. इन स्कूलों की कक्षाओं, गलियारों और प्रवेश और निकास द्वारों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं.
प्रोजेक्ट के तहत 162 उच्च शिक्षण संस्थानों में 5,505 कैमरे लगाए गए. इनमें 21 राज्य डिग्री/पीजी कॉलेज, 85 सहायता प्राप्त डिग्री/पीजी कॉलेज, 49 गैर सहायता प्राप्त डिग्री/पीजी कॉलेज और 7 राज्य विश्वविद्यालय शामिल हैं. इसमें लखनऊ का क्षेत्रीय कार्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कॉलेज शामिल नहीं हैं.
गर्ल्स सेफ्टी को लेकर कोचिंग संस्थानों के लिए दिशानिर्देश जारी
प्रोजेक्ट के तहत गौतमबुद्धनगर के 17 नगर निगमों और 606 कोचिंग संस्थानों को सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए चिन्हित किया गया है. इनमें 17 नगर निगमों के 448 कोचिंग संस्थान और गौतमबुद्ध नगर के 158 कोचिंग संस्थान शामिल हैं. जहां 418 कोचिंग संस्थानों में 866 कैमरे लगाए जा चुके हैं, वहीं शेष 188 कोचिंग संस्थानों में कैमरे लगाने की प्रक्रिया जारी है. नगर विकास विभाग की ओर से इन सीसीटीवी कैमरों को स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से इंटीग्रेट किया जा रहा है.
इसके अलावा योगी सरकार की ओर से लड़कियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम को लेकर गाइडलाइन जारी की गई, जिसमें कोचिंग संस्थानों को लड़कियों के आने से लेकर उनके जाने तक की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
दिशानिर्देश निर्दिष्ट करते हैं कि कोचिंग संस्थानों को शाम को एक निश्चित समय के बाद लड़कियों के लिए कक्षाएं आयोजित नहीं करनी चाहिए, जिससे वे समय पर घर पहुंच सकें. इसके अलावा, कोचिंग संस्थानों में आग लगने की घटनाओं के कारण, दिशानिर्देश संस्थानों को आग से संबंधित स्थितियों से निपटने के लिए सुरक्षित भवन में संचालन सहित पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं.