थाईलैंड में बंदरों से नारियल तुड़वाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. यह सारा विवाद तब उठा जब एक एक्टिविस्ट ने बंदरों पर क्रूरता की शिकायत करते हुए इस मुद्दे को उठाया. पीपुल्स फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) की इस रिपोर्ट के कारण कई ब्रिटिश सुपरमार्केट ने थाईलैंड से नारियल उत्पादों के मंगाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया. दरअसल बंदरों को प्रशिक्षण देने वाले एक व्यक्ति ने शनिवार को बताया कि कुछ बंदर निर्यात के उद्देश्य से नारियल की कटाई करते हैं.
थानी प्रांत के बंदरों के एक स्कूल में नारियल तोड़कर लाने के लिए बंदरों को प्रशिक्षित करते हैं. नीरन ने इस विषय पर कहा कि निर्यात किए जाने वाले ज्यादातर नारियल बंदरों द्वारा नहीं बल्कि मनुष्यों द्वारा तोड़े जाते हैं. उसने बंदरों के साथ क्रूरता किये जाने के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि दक्षिण थाईलैंड के के कुछ खेतों में नारियल के बहुत लंबे पेड़ों पर लगे नारियल तोड़ने के लिए ही बंदरों का इस्तेमाल होता है.
बंदरों के साथ अपने भावनात्मक संबंधों को बताते हुए उसने कहा कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है और वह बंदरों के साथ पिछले 30 वर्षों से ज्यादा से रह रहा है उसका उनसे एक बंधन है और एक रिश्ता है. निरून ने रॉयटर्स को बताया कि वह एक साल में छह से सात बंदरों को प्रशिक्षित करता है. थाई नारियल के उत्पादों को अपनी अलमारियों से खींच लिया और आरोप लगाया कि थाईलैंड में नारियल का दुरुपयोग करने वाले बंदरों द्वारा लिया जाता है. इस महीने की शुरुआत में कई ब्रिटिश खुदरा विक्रेताओं ने पीपुल्स फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) की एक रिपोर्ट के बाद थाई नारियल के उत्पादों को खरीदना बंद कर दिया और थाईलैंड पर आरोप लगाया कि थाईलैंड में नारियल बंदरों द्वारा तुड़वाये जाते हैं जो बंदरों पर क्रूरता की श्रेणी में गिना जाता है.