नई दिल्ली: बर्मिंघम में आज से कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत हो रही है। भारती समय के अनुसार 11:30 बजे भव्य उद्घाटन समारोह के अलावा इस इवेंट की जल्द ही शुरआत हो जाएगी। यह खेल आठ अगस्त तक आयोजित होने जा रहे हैं। राष्ट्रमंडल खेल 2022 की बात करें तो 283 अलग-अलग मेडल इवेंट शामिल हो चुकी है। इस साल 72 टीमें हिस्सा लेने जा रही है। वहीं इन खेलों में लगभग 6,500 एथलीट भी बर्मिंघम पहुंच चुके है। राष्ट्रमंडल खेल में पहली बार महिला टी-20 किक्रेट भी शामिल हो चुका है।
1930 में शुर होने जा रहे राष्ट्रमंडल खेलों का यह 22वां संस्करण होने जा रहा है। पहला कॉमनवेल्थ गेम्स 1930 में कनाडा के हैमिल्टन में खेला गया था। 1930 में 11 देशों के कम से कम 400 खिलाड़ियों ने राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया था। एथलीट्स ने तब छह खेलों के 59 इवेंट्स में अपना जलवा दिखाया था। 1930 के बाद से हर चार साल में इसको आयोजित किया जाता है।
इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में काफी कुछ देखने को मिलेगा। पहली बार देखा जाए तो किसी आयोजनों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा स्वर्ण पदक दिया जाएगा। इस बार 11 दिन तक होने जा रहे राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं को 136 स्वर्ण पदक, जबकि पुरुषों को 134 स्वर्ण पदक मिलने जा रहा है। मिश्रित स्पर्धाओं में कुल 10 स्वर्ण पदक दांव पर लगने जा रहे हैं।
वहीं कई खेल वाली प्रतियोगिता में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा स्वर्ण पदक हासिल करने का मौका मिल सकता है। इस बार देखा जाए तो राष्ट्रमंडल खेलों में महिला क्रिकेट से काफ़ी आकर्षित होने वाला है। क्रिकेट में विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को स्वर्ण पदक का प्रथम दावेदार समझा जा रहा है। भारत भी दावेदारों में मौजूद है।
टेबल टेनिस में मेडल लाने की है उम्मीद
गोल्ड कोस्ट में भारत ने आठ पदक टेबल टेनिस में जीते थे जिसमें आधे अकेले मनिका बत्रा ने दिलाए थे। उस प्रदर्शन को दोहराना बड़ी चुनौती होगी लेकिन दो स्वर्ण पदक की उम्मीद की जा रही है। अनुभवी शरथ कमल अपने पांचवें और अंतिम राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा ले रहे हैं। उनका लक्ष्य एकल में स्वर्ण पदक जीतना होगा जिसे उन्होंने 16 साल पहले हासिल किया था। गैर ओलंपिक खेलों में स्क्वॉश में एकल वर्ग में पहला पदक जीतना लक्ष्य होगा। मिश्रित युगल और महिला युगल से दो स्वर्ण पदक मिल सकते हैं।
बर्मिंघम में खर्च किया जाएगा 74 अरब
2012 में हुए लंदन खेलों के बाद इस आयोजन को ब्रिटेन में सबसे खर्चीली स्पर्धा बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार खेलों पर 778 मिलियन पौंड (74.93 अरब) के खर्च का अनुमान है। दरअसल इन खेलों के संचालन में होने वाले अत्यधिक खर्च के कारण राष्ट्रमंडल खेल महासंघ नए मेजबान को आकर्षित नहीं कर पा रहा है।