चंडीगढ़ निगम की बैठक यूट्यूब पर लाइव शुरू होते ही कांग्रेस और भाजपा पार्षदों के बीच हाथापाई
चंडीगढ़ नगर निगम की सामान्य सदन की बैठक आज नगर निगम सदन में आयोजित की गई। यह पहली बार है जब नगर निगम की बैठक को यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित किया गया। बैठक के लाइव प्रसारण की अनुमति प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने दी थी, जिससे आम नागरिक भी घर बैठे ही बैठकों में हो रही बहसों और फैसलों को देख सकेंगे। बैठक के शुरू होते ही पार्षदों के बीच बहस और हंगामा देखने को मिला। वरिष्ठ उप-महापौर जसबीर बंटी ने टेबल एजेंडा पर सवाल उठाए, जबकि पार्षद प्रेम लता ने सामुदायिक केंद्र की बुकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की। बैठक का माहौल तब और गर्म हो गया जब शिलान्यास पट्टिका पर नाम दर्ज करने को लेकर विवाद शुरू हुआ। भाजपा पार्षद गुरबख्श रावत ने यह मुद्दा उठाया कि शिलान्यास पट्टिका पर पार्षद, महापौर और उप-महापौर के नाम शामिल नहीं किए जा रहे हैं। इसके साथ ही समारोह में आमंत्रित न किए जाने और अपने वार्ड में पोल लगाने के बाद नाम न होने पर भी उन्होंने आपत्ति जताई। विवाद धीरे-धीरे निजी आरोप-प्रत्यारोप से बढ़कर 1984 के सिख दंगों तक पहुँच गया। इसी बीच भाजपा पार्षद सौरभ जोशी ने सांसद मनीष तिवारी की नेम प्लेट उठाकर सवाल किया कि सांसद कहाँ रहते हैं, और तंज कसा कि ये सांसद केवल सप्ताहांत में ही कार्य करते हैं।
बैठक शुरू होने से पहले महापौर हरप्रीत कौर बबला ने पंजाब के राज्यपाल और नगर निगम के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया का आभार व्यक्त किया। महापौर बबला ने कहा कि बैठक का लाइव प्रसारण नागरिकों के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि अब प्रत्येक बहस और निर्णय जनता के सामने होगा, जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती मिलेगी।
चंडीगढ़ निगम की बैठक में भाजपा-कांग्रेस पार्षद भिड़े।
नींव पत्थर की प्लेट पर नाम लिखने को लेकर बवाल। मेयर – प्रेम लता में भी बहस#Chandigarh pic.twitter.com/bJrhM8MT17
— Amit Pandey (@amitpandaynews) November 3, 2025
दरअसल काफी देर से इस बात को लेकर बहस चल रही थी कि मौजूदा सांसद मनीष तिवारी के कार्यक्रमों में जो स्थानीय पार्षद होता है उसको बुलावा नहीं आता है और ना उसका नाम होता है। खासकर भारतीय जनता पार्टी के जो पार्षद होते हैं उनका नाम नहीं रहता। इस पर सचिन ने आपत्ति दर्ज कराई। उनका कहना था कि इससे पहले जब किरण खेर पार्षद थी तो कभी किसी विपक्ष के पार्षद का नाम नहीं आता था यहां तक कि उनके वार्ड में जब प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का कार्यक्रम होता है तो भी उनको बुलावा नहीं आता है। किसी को लेकर दोनों वेल में आ गए। लोगों को लगा कि आपस में धक्का मुक्की हो रही है। उसके बाद धीरे-धीरे सभी पार्टी के पार्षद वेल में आकर हंगामा करने लगे।
