गुजरात विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी रघु शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा सौंपा है. उन्होंने इस्तीफा हाथ से लिखकर कांग्रेस अध्यक्ष को भेजा है. राजस्थान में कैबिनेट मंत्री रह चुके रघु शर्मा को अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है.
बता दें कि गुजरात में साल 1960 से विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, लेकिन अब तक के चुनावी इतिहास में कांग्रेस का प्रदर्शन कभी इतना खराब नहीं रहा है. जहां बीजेपी राज्य की 182 में से 150 से अधिक सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. वहीं कांग्रेस सिर्फ 15 सीटों पर ही आगे नजर आ रही है.
इससे पहले 1990 में कांग्रेस का सबसे बुरा प्रदर्शन देखा गया था. तब पार्टी सिर्फ 33 सीटें जीत पाई थी. इसके बाद कांग्रेस की सीटें कुछ हद तक बढ़ती गईं. साल 2002 में कांग्रेस को 50, जबकि 2007 में 59 सीटें मिली थीं. 2017 में पार्टी ने 77 सीटें जीती थीं और बीजेपी को कड़ी टक्कर भी दी थी, लेकिन इस बार कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है.
जहां बीजेपी मोदी फैक्टर के भरोसे गुजरात की सत्ता में बने रहने को लेकर आश्वस्त है. वहीं, आम आदमी पार्टी को चुनाव में मजबूत शुरुआत की उम्मीद है. पिछली बार बीजेपी को कड़ी टक्कर देने वाली कांग्रेस को इस बार और बेहतर नतीजों की उम्मीद है.
क्या राजस्थान में बन रहा तीसरा खेमा?
रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी बनाए जाने के बाद से राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही खेमे हैरत में थे. राजस्थान में जिस तरह से रघु शर्मा का कद बढ़ाया गया था, इसके बाद माना जा रहा था कि राज्य में तीसरा खेमा तैयार हो गया है. इससे पहले अशोक गहलोत भी गुजरात का जिम्मा संभाल चुके हैं.