देश में कोरोना के मामलों ने रफ्तार पकड़ ली है। बताया जा रहा है कि पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के पांच हजार से ज्यादा यानी 5,335 मामले सामने आए हैं। यह आंकड़ा बीते 195 दिन में सबसे ज्यादा है। इससे पहले पिछले साल 23 सितंबर को 5,383 मोमले सामने आए थे। इसी के साथ देश में सक्रिय मामलों की संख्या 25,587 हो गई है। इस दौरान 13 लोगों की जान गई। इनमें कर्नाटक-महाराष्ट्र में दो-दो और केरल-पंजाब में एक-एक मरीज की मौत हुई। केरल ने सात पुरानी मौतों को भी सूची में अपडेट कराया। देश में अब तक पांच लाख 30 हजार 929 लोग कोरोना की वजह से जान गंवा चुके हैं। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया कल सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ कोविड-19 की स्थिति पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करेंगे।
इससे एक दिन पहले 163 दिन बाद चार हजार से ज्यादा लोग एक दिन में कोरोना संक्रमित मिले थे। बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि मंगलवार को देश में 4,435 लोग संक्रमित पाए गए। इसी के साथ सक्रिय केस की संख्या 23,091 पहुंच गई है। संक्रमण से 15 लोगों ने जान गंवा दी थी। महाराष्ट्र और केरल में चार-चार और छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, पुडुचेरी व राजस्थान में एक-एक कोरोना संक्रमित की मौत हुई थी। अब तक संक्रमण के चलते कुल पांच लाख 30 हजार 916 मौतें हो चुकी हैं।
कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार के इम्पॉवर्ड ग्रुप एक की बैठक में इन्साकॉग ने कहा कि देश में 38 फीसदी संक्रमण प्रसार के पीछे वायरस का नया स्वरूप जिम्मेदार है। इन्साकॉग ने बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग के शीर्ष अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी गई। इसमें बताया गया कि ओमिक्रॉन और इसके उप स्वरूप देश में प्रमुख रूप से बने हुए हैं। इसके चलते संक्रमण दर में इजाफा हुआ है विशेष रूप से देश के पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तरी भागों में देखा गया है।
इन्साकॉग के मुताबिक, वायरस का एक नया स्वरूप एक्सबीबी.1.16 को भारत के विभिन्न हिस्सों में देखा गया है, जो आज तक संक्रमण के 38.2% के लिए जिम्मेदार है। बीते मार्च माह के तीसरे सप्ताह तक एकत्र नमूनों में एक्सबीबी स्वरूप सबसे अधिक मिला है। हालांकि, देश के कुछ हिस्सों में बीए.2.10 और बीए.2.75 उप स्वरूप का भी पता चला जो एक्सबीबी की तरह ओमिक्रॉन स्वरूप से निकले हैं।
रिपोर्ट में इन्साकॉग ने यह स्वीकार किया कि देश के कई जिलों में संक्रमण तेजी से बढ़ा है, लेकिन यहां अस्पतालों में मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी है। अधिकांश मामले हल्के लक्षण वाले दिखाई दे रहे हैं, जिन्हें घरों में ही आइसोलेट रहने की सलाह दी जा रही है। जिन लोगों को पहले से दूसरी बीमारियां हैं उनमें जरूर कोरोना के लक्षण मध्यम से गंभीर स्थिति तक दर्ज किए जा रहे हैं।