‘आंखों से नहीं देख पाया, लेकिन मोदी जी की आवाज और प्यार याद रहेगा…’

राष्ट्रीय

पीएम नरेंद्र मोदी 27 अक्टूबर को चित्रकूट के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने यूपी के हमीरपुर जिले में रहने वाले 11 साल के दिव्यांग अनमोल दीक्षित से भी मुलाकात की थी. पीएम से मुलाकात के बाद अनमोल बेहद खुश है. ‘आज तक’ से बातचीत में अनमोल ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा- कभी सोचा नहीं था कि प्रधानमंत्री से मिल पाऊंगा और धड़ाधड़ मेरी फोटो खींची जाएंगी. इतना प्यार-दुलार मिलेगा यकीन नहीं हो रहा है. सब सपने जैसा है.

दिव्यांग अनमोल दीक्षित हमीरपुर के रमेड़ी मोहल्ला का निवासी है. पीएम संग अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए वो भावुक हो गया. उसने बताया कि पीएम से मिलकर जो खुशी मिली है उसे शब्दों में कहना मुश्किल है. बकौल अनमोल- भले ही आंखों की रोशनी न होने के कारण मैं मोदी जी को देख नहीं सका, लेकिन उनकी आवाज और प्यार हमेशा मुझे याद रहेगा.

उसने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल पाऊंगा. उनके साथ फोटो खींची जाएंगी. इतना प्यार और दुलार मिलेगा. सभी लोग यह कहकर पुकारेंगे कि वो देखो मोदी जी का दुलार पाने वाला लड़का. ये सब सपने जैसा है.

अनमोल ने बताया कि कक्षा तीन तक उसने हमीरपुर के ही सरस्वती शिशु मंदिर से शिक्षा प्राप्त की. तब तक उसकी आंखों में रोशनी थी, लेकिन अचानक रोशनी चली गई. तब उसे ऐसा लगा कि वह कुछ नहीं कर पाएगा. लेकिन बाद में पिता ने जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य के चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ सेवान्यास आश्रम में कक्षा 6 में उसका दाखिला करा दिया. जहां से उसकी दुनिया बदलनी शुरू हुई. वहीं पर बीते दिनों उसकी पीएम मोदी से मुलाकात हुई जिससे अनमोल पॉपुलर हो गया.

अनमोल के मुताबिक, पीएम मोदी ने उससे शिक्षा-दीक्षा की जानकारी ली और हालचाल जाना. पीएम ने अनमोल का नाम और पता पूछा. करीब एक मिनट तक वार्ता करने के बाद वो आगे चल दिए.

अनमोल के पिता रामकृष्ण दीक्षित ने बताया कि चित्रकूट आश्रम में स्वागत के लिए खड़े छात्रों में सबसे आगे अनमोल था. जिसके कारण सबसे पहले पीएम मोदी उससे मिले. पीएम से मिलकर बेटे की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वह गर्व महसूस कर रहा है.

दिव्यांग अनमोल दीक्षित के पिता रामकृष्ण पूर्व में कानपुर की एक फैक्ट्री में मजदूरी करते थे. आठ वर्ष पहले वह नौकरी छोड़कर हमीरपुर आए थे. इसके बाद से चित्रकूट स्थित आश्रम में मैनेजर के पद पर काम करने लगे. अब पत्नी के साथ रहकर वहां सेवा करते हैं.