उत्तरप्रदेश : मथुरा में एक ऐसी गौशाला संचालित है, जो यहां रहने वाले गौवंश का विशेष ख्याल रखती है. इस गौशाला में गायों को भूसा ही नहीं बल्कि फ्रूट्स और ड्राई फ्रूट्स आहार में दिए जाते हैं. गौवंश के इस विशेष आहार को लेकर ये गौशाला अब चर्चाओं में है. जो भी इस गौशाला के बारे में पढ़ रहा है वो इसकी तारीफ कर रहा है भगवान श्रीकृष्ण की नित्य विहार स्थली श्रीधाम वृन्दावन के भक्ति वेदांत स्वामी मार्ग स्थित चंद्रोदय मंदिर की विलास कुंज गौशाला अपनी गौ सेवा को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई हैं. इस गौशाला में रहने वाली गौवंश का विशेष ध्यान रखा जाता है. गौशाला में साफ सफाई, गौवंश का टीकाकरण, गौवंश के लिए विशेष आहार उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है. जहां गौवंश का दूध न देने की स्तिथि में किसानों द्वारा तिरस्कार किया जा रहा है. वहीं यह गौशाला गौमाता के रख रखाव को लेकर चर्चा में है. ब्रज का एक अर्थ गोष्ठ अर्थात गौशाला अर्थात गायों का निवास स्थान होता था. नंद बाबा के पास 9 लाख 30 हजार गौवंश था. जिन्हें कभी रस्सी से बांधा नहीं जाता था. उसी प्रकार विलास कंज गौशाला गौवंश के गौवंश को बंधन से मुक्त रखा जाता है. इस गौशाला के गौवंश को दलिया, हरा चारा, मौसमी फल आदि समय समय पर उपलब्ध कराया जाता है. इसके अतिरिक्त गौमाता को 56 भोग सेवा अर्पित करने वाली यह पहली गौशाला है.
यहाँ की गौशाला सबसे अलग है. विलास कुंज गौशाला में गायों को माता की तरह ही रखा जाता है. हम जो अपनी माता की सेवा करते हैं उसी प्रकार से उनकी भी सेवा की जाती है. अभिषेक बताते हैं कि गौशाला में करीब 350 गौवंश हैं. इनके आहार में हम लोग इन्हें भरपूर मात्रा में तरबूज, केला, ककड़ी, किसमिस, काजू, बादाम दिया जाता है. गौशाला 2004 से संचालित है. 350 गायों की सेवा यहाँ प्रतिदिन होती है. 4000 किलो ग्राम फ्रूट्स खिलाते हैं.