सैफई में ‘नेता जी’ की पुण्यतिथि पर उमड़ा जनसैलाब, भावुक हुए अखिलेश यादव बोले…

राष्ट्रीय

इटावा के सैफई गांव में स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की प्रथम पुण्यतिथि का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर समाधि स्थल पर बड़ा मंच और पंडाल सजाया गया, जहां हजारों की संख्या में अलग-अलग जिलों से आए समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने ‘नेताजी’ को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी मौजूद रहे.

सबसे पहले यादव परिवार के लोगों ने सुबह घर पर हवन पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उसके बाद समाधि स्थल पर पहुंचकर मुलायम सिंह यादव को नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की. दो घंटे तक चले इस कार्यक्रम में अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव, प्रोफेसर रामगोपाल यादव, धर्मेंद्र यादव और परिवार के सभी सदस्य मंच पर मौजूद रहे. साथ ही बड़ी संख्या में सपा के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक भी ‘नेताजी’ को याद करने पहुंचे थे.

अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह यादव को याद करते हुए ट्विटर (एक्स) पर लिखा- “जो बसते हैं दिल में लोगों के, वह जाकर भी कहीं न जाते हैं. आपके सिद्धांतों और प्रयासों को नमन करते हुए उन्हें और भी साकार और सार्थक करने की वचनबद्धता के साथ श्रद्धांजलि.”

सीएम योगी ने भी दी श्रद्धांजलि

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. सीएम योगी ने एक्स पर लिखे संदेश में कहा- “पूर्व रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि.” वहीं, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी मुलायम यादव को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी.

‘नेताजी’ की पुण्यतिथि कार्यक्रम के बाद समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण स्तंभ थे नेताजी. उनके विचारों ने और संघर्षों ने कमजोर और वंचितों को लड़ने की ताकत दी और सत्ता के दरवाजे तक पहुंचाया. आज हम सभी लोग उनको याद कर रहे हैं.

बता दें कि इटावा जिले के सैफई गांव में 22 नवंबर, 1939 को जन्‍मे मुलायम सिंह यादव का निधन बीते साल 10 अक्टूबर को गुरुग्राम के निजी अस्पताल में हुआ था. वहीं, ‘नेताजी’ को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. मुलायम यादव भारत के रक्षा मंत्री और लंबे समय तक सांसद भी रहे थे. वो 1989 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. 1993 में उन्होंने फिर यूपी में सरकार बनाई. तीसरी बार वो 2003 में फिर से मुख्यमंत्री बने और 2007 तक इस पद पर बने रहे. उनके बाद 2012 में फिर सपा की सरकार आई तो अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के सीएम बने.