छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के डीए पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई है। सीएम हाउस में आयोजित कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। सीएम के मुताबिक इस फैसले से राज्य सरकार को हर साल एक हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भर में संविदा और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा कर दिया है। कर्मचारियों के कई वर्ग हड़ताल पर हैं, ऐसे में सीएम बघेल का ऐलान काफी अहम माना जा रहा है।
बता दें प्रदेश में स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल चल रही है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। नियमितिकरण को लेकर उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने संकेत दिये थे। फिलहाल सभी विभागों की जानकारी मंगाई गई है। सभी से चर्चा के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचेंगे।
बैठक में मानसून सत्र के दौरान अनुपूरक बजट की स्वीकृति के साथ विपक्ष को जवाब देने की रणनीति भी तैयार की जाएगी। इसके अलावा मानसून के आगमन के साथ ही किसानों को पर्याप्त बीज,खाद कीउपलब्धता और सरकारी की आगामी रणनीति को लेकर चर्चा हो रही है।
इन कर्मचारियों को नियमित करने का नियम नहीं
प्रदेश के लगभग 88 हजार संविदा, अनियमित व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने के फैसले पर नजर है। कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला होने की संभावना है। बताते हैं कि इसमें विज्ञापन और सीधी भर्ती से काम कर रहे लगभग 50 हजार कर्मचारियों के नियमितीकरण में दिक्कत नहीं है। इनके अलावा जो 36-37 हजार कर्मचारी शेष बचेंगे उनके लिए राज्य सरकार रास्ता तलाश कर रही है। क्योंकि इनको नियमित करने का कोई नियम नहीं है।
मध्यप्रदेश में इस तरह के करीब 48 हजार दैनिक वेतन भोगियों को वहां की सरकार ने स्थायी कर्मी योजना में शामिल करके महंगाई भत्ता, एनपीएस, वेतनवृद्धि, अनुकम्पा नियमित कर्मचारियों की तरह सुविधा दे रही है। छत्तीसगढ़ में भी ऐसे लगभग 36 हजार लगभग दैनिक श्रमिक जो तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में कार्यरत को नियमित करने पर विचार चल रहा है। सबकुछ ठीक रहा तो गुरुवार को सकारात्मक खबर आ सकती है। जानकारों के अनुसार दैनिक वेतन भोगी, आकस्मिकता निधि, कार्यभारित, दैनिक श्रमिक को आवश्यकतानुसार रखा जाता है।
एक रास्ता यह भी
अनियमित दैनिक श्रमिक नियुक्ति पत्र के बिना कैसे होंगे नियमित? दैनिक वेतन भोगी, आकस्मिकता निधि या कार्यभारित दोनों प्रकार के कर्मचारियों को नियमित किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी 2023 के फैसले में स्पष्ट निर्णय दिया है कि सक्षम अधिकारी द्वारा पद विरुद्ध नियुक्ति पत्रधारक नियमितिकरण के पात्र होंगे। बता दें कि दैवेभो और आकस्मिकता निधि या कार्यभारित बिना नियुक्ति पत्र के कहीं भी नहीं रखे जाते हैं।