छत्तीसगढ़ और ओडिशा के वन विभाग के अधिकारियों में घमासान मचा हुआ है। सारगढ़- बिलाईगढ़ स्थित गोमर्डा वन्य जीव अभयारण्य में कंरट से मौत के बाद दोनों ही राज्य बाघ पर अपना होने का दावा कर रहे हैं।
ओडिशा वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मृत बाघ उनके राज्य में पिछले काफी समय से विचरण कर रहा था। ट्रैप कैमरे में इसकी फुटेज भी उनके पास है। वहीं छत्तीसगढ़ वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह बाघ 2022 से सीतानदी उदंती क्षेत्र में विचरण कर रहा था, जो पिछले 8-10 महीने पहले ओडिशा के बरगढ़ और संबलपुर जिला स्थत डेब्रीगढ़ वन्य जीव अभयारण्य में चला गया था। इसके बाद एक बार फिर वह छत्तीसगढ़ के गोमर्डा में विचरण कर रहा था।
गोमर्डा में बाघ की मौत की घटना की जानकारी मिलने और दोनों ही राज्यों के दावों को देखते हुए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की टीम घटना की जांच करने पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने बाघ की मौत को लेकर वन अफसरों से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बताया जाता है कि दोनों ही राज्यों के दावों को देखते हुए ओडिशा और छत्तीसगढ़ से बाघ के संबंध में जानकारी मांगी जाएगी। इसकी जांच करने के बाद तय होगा कि यह बाघ दोनों ही राज्यों में किसका था। बता दें कि करंट से मारे गए 5 साल का नर बाघ मूल रूप से तेंलगाना का है। विचरण करते हुए वह सीतानदी उदंती में पिछले काफी समय से डेरा डाले हुए था।
बाघों की संख्या और उनके संरक्षण एवं संर्वधन के लिए एनटीसीए और केंद्र सरकार से आर्थिक मदद मिलती है। वहीं राष्ट्रीय पशु बाघों का शिकार होने पर संबंधित विभागीय अधिकारियों के जवाब-तलब किया जाता है। इसे देखते हुए बाघों को लेकर दावेदारी होती है। बता दें कि महाराष्ट्र के सेलेब्रेटी बाघ जय के गायब होने के बाद कंजरवेशन लेंसेज ऐंड वाइल्ड लाइफ (सीएलएडब्ल्यू) ने उसके संबंध में जानकारी देने वाले को 50 हजार का इनाम देने की घोषणा की थी।
करंट से मृत बाघ पिछले काफी समय से गोमर्डा तथा ओडिशा के वन क्षेत्र में विचरण कर रहा था। 5 जनवरी के बाद बाघ अचानक गायब हो गया था। उसका लोकेशन ट्रेस नहीं होने पर 24 जनवरी को उसका शिकार होने की जानकारी मिली। हालांकि उसकी मौत के 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।