दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है। ताजा मामले में दिल्ली पुलिस ने फर्जी वोटर और आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। घुसपैठियों को अवैध दस्तावेज दिलाने वाले गैंग के 11 लोगों को दबोचा गया है। इनमें फर्जी वेबसाइट, आधार कार्ड ऑपरेटर और तकनीकी विशेषज्ञों शामिल हैं। पकड़े गए आरोपितों में 6 बांग्लादेशी शामिल हैं। आरोपित फर्जी वेबसाइट के जरिए जाली पहचान पत्र बनाकर घुसपैठियों को भारत का नागरिक साबित करने में मदद करते थे।
दिल्ली के कई इलाकों में अवैध झुग्गी बनाकर रहे रहे घुसपैठिये। फर्जी दस्तावेज बनाकर करते थे बांग्लादेशी घुसपैठियों की मददपुलिस उपायुक्त (डीसीपी) दक्षिण अंकित चौहान के अनुसार, आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और अन्य जाली दस्तावेज बनाकर बांग्लादेशी घुसपैठियों की मदद की।
डीसीपी ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिये जंगल के रास्तों और एक्सप्रेस ट्रेनों के जरिए भारत में दाखिल होते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जो फर्जी वेबसाइटों के जरिए जाली पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर बांग्लादेशी नागरिकों की मदद करते हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए 2 महीने का अभियान शुरू करने का निर्देश दिया है। दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक 1000 से ज्यादा अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की जा चुकी है। उपराज्यपाल और पुलिस के बाद अब दिल्ली के प्रमुख बाजार फेडरेशन व संगठन भी बांग्लादेशियों और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान करने के लिए सामने आ गए हैं। डीएचएमए व भारतीय उद्योग व्यापार मंडल समेत अन्य संगठनों ने बाजारों में रिक्शा चालक व कूड़ा उठाने वाले लोगों में से घुसपैठियों की पहचान कर पुलिस व एमसीडी को जानकारी देने के लिए कमर कस ली है।
बांग्लादेशियों व रोहिंग्या घुसपैठियों पर कार्रवाई को लेकर एलजी से मिले मुस्लिम समाज के प्रतिनिधिमंडल ने यह भी मांग की थी कि इनके रोजगार पर भी प्रहार किया जाए।व्यापारिक संगठनों की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार हर बाजार संगठनों के पदाधिकारियों के सहयोग से पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे कि कोई भी घुसपैठिया चाहे वह रोहिंग्या हो या किसी अन्य देश से आकर अवैध तरीके से रह रहा व्यक्ति हो, उनकी सूचना दिल्ली पुलिस, एमसीडी और संगठन के जिम्मेदार लोगों की दी जाएगी। नौकरों का भी कराया जाएगा सत्यापनइसी तरह, घर, दुकानों में काम करने वाले नौकरों का भी सत्यापन कराया जाएगा।