दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना तटों में छठ पूजा मनाने की परमिशन देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि नदी का पानी बहुत प्रदूषित है। इसमें पर्व मनाने से लोगों की सेहत बिगड़ सकती है। चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने कहा कि दिल्ली में 1000 जगहों पर छठ मनाने के इंतजाम किए गए हैं, वहां जाकर लोग पर्व मना सकते हैं। याचिका पूर्वांचल नव निर्माण संस्थान ने दायर की थी। इसमें दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के 29 अक्टूबर 2021 के एक नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई थी। इस नोटिफिकेशन में यमुना किनारे उत्सव स्थल बनाने पर बैन लगा दिया गया था।
याचिकाकर्ता ने कहा कि बैन कोविड-19 के दौरान लगाया गया था। मगर कोर्ट ने प्रदूषित नदी का हवाला देते हुए कहा कि छठ पूजा के लिए लोग यमुना के जहरीले पानी में न जाएं, इसलिए यह बैन लगाया गया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि यमुना में डुबकी लगाने से लोगों की तबियत खराब हुई है। यहां तक कि उन्हें अस्पताल में भी भर्ती करवाना पड़ गया है। ऐसे में इस याचिका पर किसी भी तरह का आदेश देने से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
दिल्ली यमुना घाट पर छठ पूजा के दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट का साफ़ इंकार।।#Ñkmisra pic.twitter.com/Ag5PpihlvW
— NK MISRA पत्रकार✍️✍️ sanatni Brahman parivar (@NKMisra6) November 6, 2024
कोर्ट ने यमुना के बढ़ते प्रदूषण पर भी चिंता जताई और कहा- हम नदी में सीवेज छोड़ना को जारी नहीं रख सकते। यह इंडस्ट्रियल सीवेज नहीं है, ह्यूमन सीवेज है। नदी के किनारे अवैध कालोनियां बनाई गई हैं। इनका अनट्रीटेड सीवेज नदी में जा रहा है। जब याचिकाकर्ता ने कहा कि बैन लगाने की जगह यमुना को साफ किया जा सकता है, तो बेंच ने कहा- ‘हम अपने दिमाग साफ नहीं कर रहे हैं। अगर इसे साफ कर सकते हैं तो यमुना को भी जल्दी साफ कर सकते हैं। हम सभी इस पर सहमत हैं कि हमें यमुना को साफ करना है लेकिन यह हमारी प्राथमिकता में नहीं है।’सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि नदी में मौजूद प्रदूषण को हटाया भी जा सकता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह काम रातोंरात संभव नहीं है।