दिल्ली : खुले में कूड़ा जलाया तो होगी कार्रवाई, दिल्ली वालों पर नजर रखेंगी 353 टीमें

राष्ट्रीय

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सर्दियों की शुरुआत में वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में इस बार 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट पर फोकस किया है. एमसीडी ने बायोमास, खुले में कूड़ा जलाने की गतिविधियों को रोकने के लिए 932 अधिकारियों और कर्मचारियों की कुल 383 निगरानी टीमों का गठन किया है.

योजना के मुताबिक, तय किया गया है कि खुले में कूड़ा जलाने और कूड़ा फेंकने की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। होटलों और खुले भोजनालयों में कोयले, लकड़ी के उपयोग को रोकने के लिए निगरानी कड़ी की जाएगी

13 प्रदूषण हॉटस्पॉट की में नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर.के. पुरम, ओखला, जहांगीर पुरी, आनंद विहार, विवेक विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी और द्वारका शामिल हैं. उपायुक्त को जोन का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. जो कूड़े, प्लास्टिक कचरे का निस्तारण, सी एंड डी कचरे की अवैध डंपिंग पर चालान करेंगे.

धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने डीसीएमसी बनाई

एमसीडी ने धूल नियंत्रण एवं प्रबंधन सेल (डीसीएमसी) बनाई. सभी अधीक्षण अभियंता और निदेशक (उद्यान) इस सेल के सदस्य हैं. धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने और प्रदूषण कम करने के लिए सीएक्यूएम,डीपीसीसी द्वारा जारी उपायों/सलाहों की निगरानी करेंगे

योजना के अनुसार, सी एंड डी अपशिष्ट और धूल प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए विभिन्न उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे. मैकेनिकल रोड स्विपिंग का अधिकतम उपयोग किया जाएगा, सड़कों की सफाई और धूल कणों को दबाने के लिए पानी का छिड़काव होगा. धूल प्रदूषण से निपटने के लिए कच्ची सड़कों, टूटी सड़कों और गड्ढों का रखरखाव व मरम्मत भी की जाएगी.

हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सड़क से उड़ने वाली धूल के समाधान पर विशेष ध्यान देने के साथ ही वायु प्रदूषण में धूल के कणों का बड़ा योगदान होता है. यही वजह है की सीएंडडी साइटों पर एंटी-स्मॉग गन तैनात की जाएगी। एमसीडी खुले में सीएंडडी सामग्री साइटों व अन्य प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

जागरुकता एवं शिकायत निवारण तंत्र

दिल्ली नगर निगम जन संचार माध्यमों और अभियानों के माध्यम से लोगों को वायु प्रदूषण के बारे में जागरूक करेगी. दिल्ली सरकार के ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप (सीपीसीबी) और 311 मोबाइल ऐप (एमसीडी) जैसे शिकायत निवारण तंत्र की प्रभावी ढंग से निगरानी की जाएगी और शिकायत का समय पर समाधान किया जाएगा