संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में रविवार को कांग्रेस ने विपक्ष के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मांगा और नीट सहित पेपर लीक से जुड़े अन्य मुद्दों को उठाकर स्पष्ट संकेत दिया कि वह इस सत्र को हंगामेदार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है। इतना ही नहीं, सरकार के सहयोगी दलों ने भी विशेष दर्जे का मुद्दा उठाते हुए केंद्र को अपनी प्राथमिकताओं का स्पष्ट संकेत दिया। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। संसद का यह सत्र कैसा होगा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने दोनों सदनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए हर पार्टी से सहयोग मांगा तो सर्वदलीय बैठक में मांग : कांग्रेस ने विपक्ष के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष पद मांगा, विशेष दर्जे की भी मांग उठीकांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बैठक में कहा कि विपक्ष को संसद में मुद्दे उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भोजनालयों को कांवड़ मार्ग के मालिकों के नाम दिखाने के विवादास्पद निर्देश का मुद्दा उठाया। वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) सरकार द्वारा उसके नेताओं को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने के बारे में बात की और केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की। आंध्र प्रदेश में अराजकता का दावा करते हुए वाईएसआर कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन ही इसका एकमात्र समाधान है। बैठक में वाईएसआर कांग्रेस के सांसद विजयसाई रेड्डी ने केंद्रीय कोष से आंध्र प्रदेश के लिए धन के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण का अनुसरण करने वाले राज्यों को राजस्व में हिस्सेदारी के मामले में दंडित किया जा रहा है और इस मुद्दे का वित्त आयोग द्वारा समाधान किया जाना चाहिए।
बीजू जनता दल ने ओडिशा के राज्यपाल के बेटे द्वारा एक अधिकारी पर कथित हमले का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि वह कानून से ऊपर हैं। बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने बैठक के बाद कहा कि उनकी पार्टी सदन के पटल पर मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी। उन्होंने रेखांकित किया कि उनकी पार्टी न तो विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन और न ही सरकार के साथ है। ओडिशा में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बीजद को हार का सामना करना पड़ा था।
बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की और संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू ने इसका संचालन किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि संसद सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में जनता दल (यूनाइटेड) और वाईएसआर कांग्रेस ने क्रमश: बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की लेकिन ‘अजीब’ बात यह रही कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) इस मामले पर चुप रही। रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में जद (यू) नेता ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। वाईएसआर कांग्रेस नेता ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। अजीब बात रही कि तेदेपा नेता इस मामले पर चुप रहे।” रमेश की सोशल मीडिया पर यह पोस्ट तब आई जब बैठक जारी ही थी। एक अन्य पोस्ट में कांग्रेस नेता ने कहा, “राजनीतिक माहौल कैसे बदल गया है! सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में बीजद नेता ने रक्षा मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को याद दिलाया कि ओडिशा में 2014 के विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के घोषणापत्र में राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने का वादा किया गया था।”