महाराष्ट्र में महायुति की महाविजय के बाद अब नए मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा नेतृत्व को सहयोगी दलों के साथ फैसला लेने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। एनसीपी ने इस पद के लिए भाजपा नेता और निवर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को परोक्ष समर्थन दिया है। महायुति में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है और उसके विधायकों की संख्या दोनों सहयोगी दलों के कुल विधायकों से बहुत ज्यादा है। ऐसे में भाजपा का मुख्यमंत्री पद पर स्वाभाविक दावा है, लेकिन शिवसेना मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बरकरार रखने के पक्ष में हैं। ऐसे में फैसला लेने के लिए भाजपा को सभी घटकदलों के नेताओं की सहमति जुटानी जरूरी है। भाजपा को फैसला लेने में भावी सामाजिक और राजनीतिक समीकरण भी देखने हैं।
महाराष्ट्र में पिछली विधानसभा में शिवसेना की टूट के बाद जब भाजपा ने गठबंधन सरकार बनाई थी तब उसे मजबूरी और तत्कालीन हालात को देखते हुए एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा था। सरकार की स्थिरता के लिए पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस को उपमुख्यमंत्री बनने के लिए राजी किया गया था। बाद में एनसीपी तोड़कर अजित पवार सरकार में शामिल हुए तो उन्हें भी उपमुख्यमंत्री बनाया गया। लेकिन, हाल के विधानसभा चुनाव के बाद स्थितियां बदली हैं। भाजपा ने अपने दम पर 130 से ज्यादा सीटें मिलीं हैं, जबकि बहुमत का आंकड़ा 145 है। इधर, शिवसेना और एनसीपी ने भी अपनी क्षमता से ज्यादा सीटें जीतकर गठबंधन को बेहद मजबूत बनाया है।
भाजपा नेतृत्व इतनी बड़ी जीत के बाद भी भावी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए जल्दबाजी में फैसला नहीं ले रहा है। क्योंकि शिंदे मराठा समुदाय से आते हैं, ऐसे में मराठा आरक्षण आंदोलन और अन्य परिस्थितियों में मराठा नेतृत्व का दावा काफी मजबूत है। वहीं, फडणवीस ब्राह्मण हैं। भाजपा में एक विचार ओबीसी नेतृत्व का भी है। इसके अलावा भाजपा आगामी बीएमसी चुनाव को भी ध्यान में रख रही है। वह ऐसा कोई फैसला नहीं लेना चाहती, जिससे कि इस बड़ी जीत के बाद उसको मुंबई में झटका लगे। खबर आ रही है कि एकनाथ शिंदे ने अपने बेटे श्रीकांत को डेप्युटी सीएम बनाने की मांग की है। बता दें कि सीएम का शपथ ग्रहण समारोह 2 दिसंबर को मुंबई के प्रतिष्ठित शिवाजी पार्क में होना है। इसमें बीजेपी द्वारा एक भव्य कार्यक्रम की योजना बनाई गई है, जिसमें गणमान्य व्यक्ति और धार्मिक नेता शामिल होंगे। 2014 के आम चुनावों में श्रीकांत सबसे कम उम्र के मराठा सांसद बनकर इतिहास रच दिया था। उन्होंने 2019 के चुनावों में अपनी सीट सफलतापूर्वक बरकरार रखी और शिवसेना के भीतर एक प्रमुख नेता बने रहे। इस बीच, शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद नरेश म्हस्के ने सार्वजनिक रूप से फडणवीस की नियुक्ति का समर्थन किया। उन्होने कहा कि अगर फैसला गठबंधन के समझौते के अनुरूप है तो हम देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगे।