बिलासपुर में फैला डायरिया, 8 घंटे में 56 मरीज मिले

क्षेत्रीय

बिलासपुर में बारिश के मौसम में शहरी क्षेत्र के बाद अब ग्रामीण इलाकों में डायरिया अपना कहर बरपाने लगा है। शहर के चांटीडीह सहित अन्य मोहल्लों के बाद अब बिल्हा के बाद मस्तूरी क्षेत्र के दो गांव में भी उल्टी-दस्त के मरीज मिलने लगे हैं। एक महिला की मौत के बाद महज आठ घंटे के भीतर उल्टी-दस्त के 56 मरीज मिले हैं। बीमारी फैलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही हेल्थ कैंप लगाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि हैंडपंप के दूषित पानी पीने के बाद लोग बीमार हुए हैं।

शहर के निचली बस्तियों के बाद अब जिले के किसी न किसी इलाके में डायरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग को जानकारी मिली कि मस्तूरी क्षेत्र के मानिकचौरी और खोकड़ी में मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश शुक्ला ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को सक्रिय किया और टीम बनाकर प्रभावित गांवों में भेजा गया।

वहां घर-घर दस्तक देने पर एक के बाद एक कर महज आठ घंटे में 56 मरीजों की पहचान की गई। उन्हें घर पर ही जरूरी दवाओं का वितरण किया गया। सीएमएचओ डॉ. राजेश शुक्ला ने निर्देशित किया है कि क्षेत्र में सर्वे किया जाए और कैंप लगाकर मरीजों का इलाज किया जाए। साथ ही प्रभावित क्षेत्र के सभी जलस्रोत से पानी का सैंपल लिया जाए, ताकि डायरिया को पूरी तरह से नियंत्रण में लाया जा सके।

10 मरीजों की हालत गंभीर, अस्पताल में भर्ती
देर शाम तक 10 मरीज ऐसे मिले, जिनकी हालत गंभीर थी। उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए दो मरीजों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, चार मरीजों को सिम्स रेफर किया गया है। जबकि, शेष मरीजों का मस्तूरी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है।

बिल्हा के ग्राम हथनी में मिले तीन नए मरीज
बीते बुधवार को बिल्हा के ग्राम हथनी में रहने वाली 32 वर्षीय महिला की सिम्स में डायरिया की वजह से मौत हो गई थी। ऐसे में गुरुवार को गांव में सर्वे कराया गया। इस दौरान वहां तीन और मरीज मिलने की पुष्टि की गई है। उनका इलाज किया जा रहा है। डायरिया को लेकर संवेदनशील क्षेत्र होने की वजह से क्षेत्र की निगरानी रखने और पानी के सैंपल लेने के निर्देश दिए गए हैं।

चांटीडीह में नियंत्रण में है हालात
करीब छह दिन बाद गुरुवार को चांटीडीह क्षेत्र में डायरिया के एक भी मरीज नहीं मिले हैं। इससे क्षेत्रवासियों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने राहत की सांस ली है। मरीज नहीं मिलने के बाद भी क्षेत्र में जांच शिविर लगाया गया है। वहीं अब एक बार फिर पानी के सैंपल की रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। इसी के बाद क्षेत्र में डायरिया से निपटने के लिए नए निर्णय लिए जाएंगे।

अभी भी भर्ती हैं 50 से ज्यादा मरीज
सिम्स और जिला अस्पताल में अभी भी 50 से ज्यादा डायरिया मरीज भर्ती हैं। उनमें से करीब 30 मरीज चांटीडीह क्षेत्र के हैं। शेष मरीज शहर के अलग-अलग मोहल्लों से अस्पताल पहुंचे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में डायरिया का प्रकोप बढ़ने की आशंका बनी हुई है।

स्लम एरिया में अब नियमित अंतराल पर पानी की जांच
नगर निगम आयुक्त कुणाल दुदावत ने जल विभाग को निर्देशित किया है कि वे शहर के ऐसे स्लम एरिया जहां पर डायरिया फैलने की आशंका बनी हुई है, वहां पर पानी की सैंपलिंग कराएं। इसके लिए पूरे वर्षा के मौसम में नियमित अंतराल पर पानी की जांच करनी होगी। इस दौरान पानी दूषित मिलता है तो साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे। इसके अलावा पाइप लाइन की निगरानी, क्षेत्र की सफाई पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। इससे वहां डायरिया फैलने की हर आशंका को खत्म किया जा सकेगा।

सीएमएचओ बोले- स्वास्थ्यकर्मियों को किया गया है अलर्ट
सीएमएचओ डॉ. राजेश शुक्ला का कहना है कि डायरिया से निपटने का कार्य तेज कर दिया गया है। मस्तूरी के दो गांवों में भी मरीज मिलने लगे हैं, जहां पर नियंत्रण कार्य शुरू कर दिया गया है। धीरे-धीरे मरीजों की संख्या कम होती जा रही है। जल्द ही स्थिति पूरी तरह से काबू में आ जाएगी। जिले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को अलर्ट किया गया है। कहीं भी उल्टी दस्त के मरीज मिलने पर तत्काल हेल्थ कैंप लगाने के निर्देश दिए गए हैं।