महाराष्ट्र में आफत की बारिश… मुंबई में पटरियों पर भरा पानी, सड़कें हुईं लबालब

महाराष्ट्र में मॉनसून ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है राज्य के कई कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सड़के पानी से लबालब हो गई है. चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. महज चंद दिनों की इस बारिश में राज्य में अलग-अलग स्थानों पर अब तक 21 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग जख्मी हो गए. इस साल राज्य में मानसून तय तारीख से 15 दिन पहले पहुंच गया. आमतौर पर 11 जून से बारिश की शुरुआत होती है लेकिन इस बार 25 मई को सिंधुदुर्ग जिले में बारिश की शुरू हो गई और 26 मई तक मानसून मुंबई तक भी पहुंच गया.1950 के बाद से पहली बार इसका इतनी जल्दी आगमन हुआ है. जिसके साथ ही मई में सबसे ज्यादा बारिश का 107 साल का रिकॉर्ड टूट गया. मौसम विभाग के मुताबिक अरब सागर पर बना कम दबाव का क्षेत्र चक्रवात बनने की ओर था लेकिन वह डिप्रेशन में बदल गया और रत्नागिरी से लगभग 40 किमी उत्तर और दापोली के दक्षिण में जमीन से टकरा गया, जिसकी वजह से पुणे और सतारा में बीते 24 मई को मूसलाधार बारिश हुई
बताया जा रहा है कि पुणे जिले में दौंड में सबसे अधिक 117 मिमी बारिश दर्ज की गई, वहीं बारामती में 104.75 मिमी और इंदापुर में 63.25 मिमी बारिश हुई. वहीं सातारा जिले के फलटन में 163.5 मिमी बारिश दर्ज की गई. सोलापुर जिले में 67.75 मिमी बारिश दर्ज की गई और नीरा नदी के किनारे बसे गांवों के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया.
बारिश के चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. लोगों को आने जाने में भारी परेशानी हो रहा है. आलम ये रहा कि कई जगहों में बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए गए. इस बीच बारामती के कटेवाड़ी गांव में बाढ़ में फंसे सात लोगों को बचाया गया, वहीं इंदापुर में दो लोगों को बचाया गया. जबकि नारोली गांव में एक गाय की मौत हो गई. वहीं करीब 25 घर क्षतिग्रस्त हो गए. इस दौरान करीब 70-80 परिवारों को सुरक्षित थानों पर पहुंचाया गया है.
इंदापुर और बारामती में राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात की गई हैं. बारिश के चलते प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. बारिश के चलते दहीवाड़ी-फलटन सड़क पर धेबावी गांव के पास 30 लोग फंस गए थे, जिनके लिए खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था की गई है. राहत और बचाव के लिए बारामती से भेजी गई एनडीआरएफ की टीम वहां तैनात है. मालशिरस के कुबवी गांव के पास फंसे छह लोगों और पंढरपुर में भीमा नदी किनारे फंसे तीन लोगों को भी बचा लिया गया है