दिल्‍ली हादसे पर बोले दिव्‍यकीर्ति – घटना के बाद प्रतिक्रिया में देरी हुई, इसका खेद है

राष्ट्रीय

दृष्टि IAS कोचिंग सेंटर के फाउंडर विकास दिव्यकीर्ति, दिल्ली में 3 छात्रों की मौत के बाद पहली बार 30 जुलाई को कैमरे के सामने आए। 27 जुलाई की देर शाम को ओल्ड राजेंद्र नगर में राउ IAS स्टडी सर्कल कोचिंग के बेसमेंट में 3 छात्रों की पानी में डूबने से मौत हो गई थी। तब से लगातार छात्र मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए यह सवाल कर रहे थे कि दिन-रात छात्रों की बात करने वाले छात्रों के तथाकथित मसीहा कहां हैं? दिल्ली MCD ने 29 जुलाई को बेसमेंट में चल रही दृष्टि IAS समेत 50 से अधिक कोचिंग सेंटर्स को सील कर दिया। इसके बाद, 30 जुलाई दोपहर 2 बजे दृष्टि IAS की प्रेस रिलीज आई और देर शाम को विकास दिव्यकीर्ति का इंटरव्यू आ गया।
राउ हादसे के अगले ही दिन दिल्ली के राजेंद्र नगर में 13 कोचिंग सेंटर सील कर दिए गए। इस केस में 7 लोगों को अरेस्ट किया गया है। सभी आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है। मुझे इसलिए निशाना बनाया गया है क्योंकि ऐसे मामलों में हर कोई एक बलि का बकरा चाहता है। . हम केवल अप्रूव किए गए बिल्डिंग्स में ही काम करेंगे। हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिसकी दिल्ली में अनुमति नहीं है। मुझे इस बात की खुशी है कि स्टूडेंट्स ये मानते हैं कि मुझे उनके पक्ष में खड़े होना चाहिए था। आजादी की लड़ाई में सबकी अपनी अपनी वजहें थी लेकिन उन सब का अल्टिमेट नाम आजादी था। ठीक ऐसे ही इस मामले में भी सबकी अपनी अपनी वजहे हैं लेकिन एक सुविधाजनक नाम है विकास दिव्यकीर्ति का। दिल्ली के LG के साथ मीटिंग में हुई, जिसमें कई इंस्टीट्यूट्स के कुछ बच्चे, दिल्ली सरकार के अधिकारी, DDA, MCD और फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी, दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी आदि शामिल थें। मीटिंग में दिल्ली सरकार का कोई मंत्री नहीं शामिल था।

इन समस्याओं के समाधान के लिए एक कमेटी बनाई गई है जिसमें मैं भी सदस्य हूं। कमेटी में दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी सहित DDA, MCD और फायर डिपार्टमेंट के हेड आदि शामिल हैं। बेसमेंट के मामलो में नियमों के स्तर पर हमसे चूक हुई है। उस मामले में मैं पूरे देश और समाज से माफी मांगता हूं। दिल्ली में तकरीबन 2000 कोचिंग इंस्टीट्यूट्स हैं। कोई भी एजुकेशनल बिल्डिंग ‘फायर एनओसी’ के नॉर्म्स को फुलफिल नहीं करती हैं। ज्यादातर इंस्टीट्यूट्स में एक एंट्री और एक एग्जिट है। दिल्ली में किसी भी प्राइवेट इंस्टीट्यूशन के पास एजुकेशन बिल्डिंग्स सर्टिफिकेट नहीं है। केवल कॉलेज, यूनिवर्सिटी और स्कूल को मिलता है। MCD के सीलिंग किए जाने के निर्णय को सही मानता हूं और MCD का तहेदिल से शुक्रिया करता हूं। जिस भी बिल्डिंग में सेफ्टी पर्याप्त न हो, उसमें कोचिंग इंस्टीट्यूट नहीं चलनी चाहिए। सारी एजेंसीज की सहमति से एक कोई दिल्ली में एरिया मिले जहां सारी संस्थाएं जाएं। इसके अलावा, फिर भी कोई इन मापदंडो को पूरा नहीं करता है तो जितनी कठोर कार्रवाई हो सकती है, होनी चाहिए।